शुक्रवार की रात 12 बजे अच्छी तरह से हाथ-पैर धोकर स्वच्छ हो जाएं और सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद कमल के आसन पर बैठी हुई माता लक्ष्मी की तस्वीर को घर की किसी शांत और स्वच्छ जगह पर स्थापित करें। तस्वीर के सामने तीन इलायची रखें और अपने इष्टदेव का ध्यान करें। इसके बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए शुक्रदेव से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए और जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने के लिए कहें।
इसके बाद शुक्र मंत्र “ऊं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:” का 21 बार जाप करें। मंत्र जाप के बाद तीनों इलायची को अपने दाएं हाथ की मुट्ठी में रख लें और सभी ग्रहों का ध्यान करते हुए जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रार्थना कीजिए। अब मुट्ठी खोलकर इसपर तीन बार फूंके। इलायची को किसी कटोरी में रखकर घर के मुख्य दरवाज़े पर ले जाएं। जिस कटोरी में इलायची रखी है, उसमें कपूर डालकर उसे जला दें। जब इलायची पूरी तरह से जल जाए तो उसे तुलसी के पौधे में डाल दें। अगर तुलसी का पौधा घर में न हो तो उसे किसी नदी में विसर्जित कर दें। कुछ दिनों में परिणाम आपके अनुरूप आने लगेंगे।