आगरा

जानिए आगरा की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने नाबालिग से बलात्कार पर क्या दिया फैसला

नाबालिग से बलात्कार के आरोपी पर फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला

आगराDec 07, 2017 / 06:12 pm

अभिषेक सक्सेना

आगरा। नाबालिग के साथ बलात्कार करने के आरोप में आगरा फास्ट ट्रैक कोर्ट की जस्टिस रीता सिंह ने तीन अभियुक्तों को सात सात वर्ष की सजा सुनाई है। ये मामला 29.11.12 का था। थाना शमशाबाद के धमतरी के गांव निवासी ने अपनी नाबालिग पुत्री को बहला फुसलाकर ले जाने के आरोप में गांव के ही रहने वाले तीन लोगों के नामजद रिपोर्ट कराई थी। जिस पर फैसला सुनाते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट की अपर सत्र न्यायाधीश रीता सिंह ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई।
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ये था मामला
बताया गया है कि नाबालिग लड़की को पिता ने छह महीने पहले मोबाइल दिलाया था, जिसकी जानकारी होने पर मोबाइल को फेंक दिया गया था। जब इसकी जानकारी ली गई, तो पता चला कि गांव के ही लड़कों की मोबाइल की दुकान है। जहां से उसकी पुत्री मोबाइल रिचार्ज कराया करती थी। आरोप थे कि लड़की को षडयंत्र रचकर गायब कर दिया। थाना शमसाबाद में इसकी एफआईआर दर्ज की गई थी। हरीकिशन, मनोज कुमार और रमेश के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

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वृंदावन ले गए थे नाबालिग लड़की को
आरोप लगाए थे कि अभियुक्तों नाबालिग लड़की को वृंदावन आदि पर ले गए। जहां उसके साथ बलात्कार किया गया। ये सब उसकी मर्जी के विरुद्ध हुआ था। इस बात की गवाही उसने कोर्ट में दी थी। जिस पर फैसला सुनाते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट की अपर सत्र न्यायाधीश रीता सिंह ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए सात वर्ष की सजा सुनाई।
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