बताया गया है कि विकलांग किशोरी के पिता और भाई अपने काम पर गए हुए थे। भाभी चारा लेने खेत पर गई थी। तभी गांव का ही घनशू पुत्र किशन शर्मा अपने साथी भदाया निवासी संजय पुत्र रमेश के साथ उसके घर में घुस आया और घर में अकेली विकलांग किशोरी को दबोच लिया। कुछ देर बाद जब किशोरी की भाभी लौटी तो कमरे का दरवाजा बंद पाकर उसने आवाज लगाई। दोनों बलात्कारी किशोरी को नग्नावस्था में ही छोड़कर भाग गए। किशोरी ने भाभी को आपबीती बताई तो पूरा गांव इकट्ठा हो गया। गांव वालों ने गंभीरता से घटना की असलियत पता की तो इस पूरे कांड की सच्चाई सामने आ गई।
पुलिस ने अभी तक गैंगरेप के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। इस बात को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। शनिवार सुबह गांव के लोग पीड़िता को लेकर पुलिस अफसरों से मिलेंगे। बताया गया है कि बलात्कारी संजू के पिता को सत्तादल के एक बड़े नेता का संरक्षण मिला है, जिसके चलते पुलिस इस मामले में हाथ डालने से कतरा रही है।