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आगरा

मेरे देश का बचपन कहीं लापता है, चलो मिलकर ढूँढें

-आरायन सदन ने सर्वोच्च स्थान पाया, हाउस ऑफ द इयर ट्रॉफी 2019-20 प्रदान की गई
-बहुआयामी प्रतिभाशाली विद्यार्थी का खिताब मैत्री पचौरी को, निदेशक स्वर्ण पदक से पुरस्कृत

आगराFeb 22, 2020 / 05:22 pm

Bhanu Pratap

Prelude public school

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आगरा। प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में किंडरगार्टन (बाल विहार) औपचारिक शिक्षा में प्रवेश की बेला को स्मरणीय बनाने के लिए ग्रेजुएशन समारोह तथा ग्रैंड पेरैंट्स डे का आयोजन शनिवार उल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सोनू पोद्दार तथा सुश्री मल्लिका महाजन ने मुख्य अतिथि आर. के. श्रीवास्तव (जोनल एडीशनल कमिश्नर, जी. एस. टी., आगरा) तथा विशिष्ट अतिथि ए. बी. गुप्ता (चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर ऑफ कंसेप्ट फार्मास्युटिक्ल्स लिमिटेड) श्रीमती रेखा गुप्ता विशेष अतिथि, अक्षय कुमार कुलश्रेष्ठ तथा प्रोफेसर अगम कुलश्रेष्ठ (दादा-दादी : छात्रा- हंसिनी कुलश्रेष्ठ), विद्यालय के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता गुप्ता, श्याम बंसल, विद्यालय की प्रधानाचार्या याचना चावला तथा शैक्षणिक संयोजिका रूपा प्रकाश तथा अभिभावकों का हार्दिक स्वागत किया।
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डॉ. सुशील गुप्ता और श्री श्याम बंसल ने नवांकुर भेंटकर मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि का अभिनंदन किया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि के द्वारा वेलनेस दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ हुआ। प्रधानाचार्या याचना चावला ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। छात्रों को पूर्व प्राथमिक स्तर से प्राथमिक स्तर की औपचारिक शिक्षा में प्रवेश हेतु शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि बचपन के दिन अविस्मरणीय होते है। उन्हें याद करना सुखद होता है। उन्होंने संदेश देते हुए कहा मेरे देश का बचपन कहीं लापता है, चलो मिलकर ढूँढें कि यह बचपन कहाँ लापता है। हम सभी का संयुक्त दायित्व है कि हम सभी मिलकर बच्चों को आत्मविश्वासी बनाएँ और उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करते हुए बच्चों के बचपन को संरक्षित करने में अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करें।
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मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि द्वारा ग्रेजुएशन सेरेमनी में यू. के. जी. के छात्रों को विधिवत गाउन और कैप पहनाकर यू. के. जी. से कक्षा एक में प्रवेश का प्रमाणपत्र दिया गया। विद्यालय के चारों सदनों – एन्ड्रोमिडा, आरायन, पिगेसिस और फीनिक्स में वार्षिक अन्तर्सदनीय प्रतियोगिताओं में सर्वोच्च स्थान पर रहने के लिए आरायन सदन को हाउस ऑफ द इयर ट्रॉफी 2019-20 प्रदान की गई। आरायन सदन की प्रभारी अध्यापिका सुनीत कौर तथा उप प्रभारी अध्यापिका मल्लिका महाजन हैं। ट्रॉफी प्राप्त करके आरायन सदन की कप्तान छात्रा नंदिनी सिंह, उपकप्तान खुशी सिंह तथा सदन शिक्षकों में मुनमुन चौहान, दिव्य प्रभा, अर्शला नदीम, शालू जैन, तथा सदन के छात्रों ने खुशी जाहिर की। प्रियांशी चिमनानी, तुबा रहमान अश्मित यादव, उज्ज्वल श्रीवास्तव, तुषार छावरा, नवकार जैन आदि छात्रों ने हाउस ट्रॉफी पाने के लिए भरसक प्रयत्न कर के ट्रॉफी पर कब्जा जमाया। मेधावी छात्रों तथा उत्कृष्ट कार्यों के द्वारा विद्यालय का नाम रोशन करने वाली प्रतिभाओं को पुरस्कार तथा स्मृति चिह्न प्रदानकर सम्मानित किया।
पुरस्कार कनिष्ठ वर्ग वरिष्ठ वर्ग

सर्वश्रेष्ठ वक्ता (अंग्रेजी भाषा) आनंदिता सिंह (कक्षा-पाँच) सुहानी अरोरा(कक्षा-आठ)

सर्वश्रेष्ठ वक्ता (हिंदी भाषा) अर्ज रागिनी सारस्वत (कक्षा-पाँच) अंशिमा अग्रवाल(कक्षा-ग्यारह)

सर्वश्रेष्ठ लेखक (अंग्रेजी भाषा) अक्षर मिश्रा (कक्षा-पाँच) मनिष्का व्यास(कक्षा- ग्यारह )
सर्वश्रेष्ठ लेखक (हिंदी भाषा) जयन्त चौधरी (कक्षा-चार) इशिता शंकर (कक्षा- ग्यारह )

प्रिल्यूडियन कलाकार (आर्टिस्ट) इशानी शंकर (कक्षा-पाँच) विनय कुशवाहा (कक्षा- ग्यारह )

देवांशु जैन (कक्षा- ग्यारह)

प्रिल्यूडियन आइडल (गायक) स्पर्श जैन(कक्षा-सात) मेधा अग्रवाल(कक्षा-दस)
राधिका सिंह (कक्षा-दस)

सर्वश्रेष्ठ नर्तक यशराज शर्मा(कक्षा-छः) मुसकान सिंह (कक्षा-दस)

प्रिल्यूडियन ड्रमर – देव्यांश छोंकर(कक्षा-दस)

प्रिल्यूडियन कीबोर्डिस्ट – श्रीयांशी मित्तल(कक्षा-दस)

प्रिल्यूडियन गिटारिस्ट – सारांश अग्रवाल(कक्षा-नौ)

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बहुआयामी प्रतिभाशाली विद्यार्थी का खिताब मैत्री पचौरी ने पाया। उन्हें निदेशक स्वर्ण पदक से पुरस्कृत किया गया। वंश अग्रवाल को मेधावी छात्र घोषित कर प्रधानाचार्या रजत पदक से सम्मानित किया गया। सत्र 2019-20 के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षक श्रीमती सुनीत कौर घोषित किए गए तथा विद्यालय प्रबंध तंत्र के द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ सुश्री अनामिका चोटिला, को तथा सर्वश्रेष्ठ सहायक कर्मचारी (सर्पोटिंग स्टाफ) श्री सुनील कुमार (इलैक्ट्रिशयन) को घोषित कर पुरस्कृत किया गया।
सत्र 2018-19 में शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए विद्यार्थी पुरस्कृत किए गए- सौम्या पाण्डेय अग्रवाल (कक्षा छह) शिविका अग्रवाल (कक्षा-दो), दक्ष बुटोलिया(कक्षा-सात), प्रनव सिंह(कक्षा-तीन), देवव्रत आर्य(कक्षा-सात),अभिगुप्ता(कक्षा-पाँच),सारांशअग्रवाल(कक्षा-आठ),अनन्यात्रिवेदी(कक्षा-पाँच)कुशाग्र(कक्षा-आठ), सत्र 2018-19 सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। पुरस्कार प्राप्तकर्ता छात्र रहे-
विद्यार्थी कक्षा

श्रेया अग्रवाल एक

प्रतीति सत्संगी एक

शिविका अग्रवाल दो

जयंत चौधरी तीन

उमंग सिंह चार

कात्यायनी गोयल पांच

सिद्धि अग्रवाल छः

सुहानी अरोरा सात
सारांश अग्रवाल आठ

देव गर्ग नौ

अंशिमा अग्रवाल दस

शीतकालीन अवकाश में मिले गृहकार्य को सर्वश्रेष्ठ रूप से सम्मिलित करने वाले पुरस्कृत छात्र रहे- गौरी गोयल, कर्निका गुप्ता, रमीनि रंजन (यू. के. जी. अ)
आइना शर्मा, आयुष सिकरवार, परी सिंह, अंशप्रीत कौर (यू. के. जी. ब)

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इस अवसर पर नर्सरी तथा एल. के. जी. के छात्रों द्वारा किए गए मनमोहक नृत्य ने सभी को आनंदित किया। यू. के. जी. के छात्रों ने अपने भावों को नृत्य के माध्यम से अभिव्यक्त किया तथा सभी को झूमने के लिए जोश भर दिया। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चा अपने दादा-दादी, नाना-नानी, माँ पिता से जो सीखता है, वह उसके लिए अविस्मरणीय होता है। बच्चे के लिए उसका परिवार ही उसका आदर्श होता है। बच्चे के सर्वांगीण विकास में परिवार की अहम् भूमिका के महत्व को उन्होंने बताया तथा सभी को साधुवाद दिया। उन्होंने बच्चे के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने को कहा क्योंकि स्वस्थ बच्चे सीखने की प्रक्रिया को तीव्र गति से अपनाते है। उन्होंने कार्यक्रम की भूरि-भूरि सराहना की।
विशिष्ट अतिथि ए. बी. गुप्ता ने कहा कि बाल्यकाल जीवन की वह विशिष्ट अवस्था होती है, जिसमें वह सबसे अधिक सीखता है। बच्चों के ऊपर कभी भी किसी भी प्रकार का दबाव नहीं डालना चाहिए। उनके अंदर अपने से बड़ों का सम्मान करने की भावना, सच बोलना, प्रेम आदि मानवीय गुणों को बचपन से ही विकसित करना चाहिए उनकी प्रतिभा को विकसित करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करना चाहिए।
विद्यालय निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिह्न देकर अभिनंदन किया। अपने उद्बोधन वक्तव्य में उन्होंने कहा कि बच्चे बहुत भाग्यशाली होते हैं, जिन्हें दादा-दादी नाना-नानी का सानिध्य मिलता है। दादा-दादी, नाना-नानी बच्चों के साथ समय बिताकर खुशी अनुभव करते हैं। नन्हे-मुन्हे विद्यार्थी दादा-दादी तथा नाना-नानी से जो कहानियाँ सुनते हैं, उनका प्रभाव उन पर गहरा तथा अमिट होता है। बच्चे उनकी छत्र-छाया में रहते हुए संस्कार सीखते है। गै्रंड पैरेन्टस डे के शुभ अवसर पर उपस्थित सभी गै्रंड पैरेन्टस को उपहार स्वरूप गाइड टू योग थेरेपी, कथा पर्वों की धरोहर हमारी, कुंभ संतों का मेला, पुस्तकें स्मृति स्वरूप प्रदान की गईं। पूर्व प्राथमिक स्तर की संयोजिका मधु नागराज ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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