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आगरा

चीन की कंपनियों को बुलाने वाले नौकरशाह गद्दार

-हिमालय-हिन्द महासागर राष्ट्र समूह के देश भारत से साइबर सुरक्षा सीखें-चीन सड़क ही नहीं बना रहा, ऑप्टिकल फाइबर केबल भी बिछा रहा है

आगराSep 29, 2019 / 07:10 pm

धीरेंद्र यादव

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आगरा। हिमालय-हिन्द महासागर राष्ट्र समूह (HHRS) के तहत आने वाले 54 देशों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में साइबर सुरक्षा पर खास चर्चा की गई। दिल्ली से आए जितेन जैन ने कहा कि चीन की कंपनियों को भारत में बुलाने वाले नौकरशाह गद्दार हैं, इनकी पहचान की जाए। उन्होंने कहा कि भारत अन्य देशों को साइबर सुरक्षा देने के लिए तैयार है।
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साथ खड़े हों तो कोई चुनौती नहीं दे सकता
उन्होंने कहा कि 54 देशों का राष्ट्र समूह हमसे साइबर सुरक्षा सीखे। भारत मित्र की भूमिका निभाने को तैयार खड़ा है। इंटरनेट पर अमेरिका का आधिपत्य था 25 साल से। तकनीक का उपयोग होने से फौज का आकार घटता जा रहा है। ऑटोमेटिक ड़्रोन बन सकते हैं अगले वर्षों में। अमेरिका के आधिपत्य को चुनौती दी गई तो वह अपने विकल्प तलाश रहा है। फिर तय हुआ कि इंटरनेट कुछ देश मिलकर चलाएंगे। चीन ने कहा कि सारे देश मिलकर चलाएंगे, जो स्वीकार नहीं है। हमें यहां अंदर आने से रोका जा रहा है। 250 बिलियन डॉलर टेलीकॉम का बिजनेस है इन देशों का। हम साथ खड़े हो जाएं तो कोई चुनौती नहीं देगा।
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चीन से खतरा
उन्होंने कहा कि इंटरनेट गवर्नेंस पर बात होनी चाहिए। चाइन ने जो कॉरीडोर बनाया है, वह हमारे आने वाले कल के लिए चुनौती है। वहां सड़क ही नहीं बन रही, ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा रही है, हमें भी बिछाने की जरूरत है। 36 देश ऐसे हैं, जो चाइना से खतरे में हैं। 9 मुल्क ऐसे हैं, जिनका चाइना से भूमि विवाद है। हमारे लिए मौका है कि कुछ करें। ब्यूरोक्रेसी में गद्दार हैं, जो चाइना की कंपनियों को बुला रहे हैं। उनकी पहचान की जाए। जिन कंपनियों पर जासूसी का आरोप है, उन्हें बुलाया जा रहा है। यह कैसा मेक इन इंडिया है।
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विज्ञान और तकनीक पर चर्चा
तीसरे सत्र में विज्ञान और तकनीक पर चर्चा की गई। नई दिल्ली से आए वैज्ञानिक डॉ. राजीव नयन, डीआरडीओ के पूर्व महानिदेशक डॉ. सुदर्शन कुमार, साइबर सुरक्षा के विशेषज्ञ राजीव शेखर मूर्ति ने भी विचार रखे।
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