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आगरा के रहने वाले हैं डॉ. सक्सेना
डॉ. देवेन्द्र एस सक्सेना मूलरूप से आगरा के रहने वाले हैं। उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई यहीं रहकर की है। इसके बाद नागपुर से एमबीबीएस की डिग्री ली। अपने शुरुआती कॅरियर में उन्होंने दस सालों तक अमेरिका में हार्ट सर्जन के रूप में कार्य किया। वर्ष 1971 में वे भारत लौट आए। यहां उन्होंने पहले बॉम्बे हॉस्पीटल, फिर जेजे ग्रुप के सेंट जॉर्ज हॉस्पीटल, फिर जयपुर के एसमएस हॉस्पीटल, इसके बाद नागपुर के सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पीटल मेडिकल कॉलेज में हृदय शल्य चिकित्सा विभाग की स्थापना की। वर्ष 2003 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे डॉ. अब्दुल कलाम ने उन्हें सेना का सर्जन कमोडोर नियुक्त किया।
मॉरीशस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान से नवाजे जा चुके हैं डॉ. सक्सेना
डॉ. देवेन्द्र एस सक्सेना को मॉरीशस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘द कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द ओशन’ से भी नवाजा जा चुका है। डॉ. सक्सेना ने मॉरीशस के एसएसआरएन अस्पताल में हार्ट सर्जरी सेंटर की स्थापना कराकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा मॉरीशस सरकार ने एक कम्युनिटी हेल्थ सेंटर का नाम ‘देवेन्द्र सक्सेना सेंटर इन कैंप दे मास्क’ रखकर उन्हें सम्मानित किया। वर्ष 1998 में उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस ने उन्हें ऑनरेरी डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि से नवाजा था। उनसे पहले ये सम्मान नेल्सन मंडेला को मिला था। वर्ष 1999 में भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिया गया था।
डॉ. देवेन्द्र एस सक्सेना को मॉरीशस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘द कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द ओशन’ से भी नवाजा जा चुका है। डॉ. सक्सेना ने मॉरीशस के एसएसआरएन अस्पताल में हार्ट सर्जरी सेंटर की स्थापना कराकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा मॉरीशस सरकार ने एक कम्युनिटी हेल्थ सेंटर का नाम ‘देवेन्द्र सक्सेना सेंटर इन कैंप दे मास्क’ रखकर उन्हें सम्मानित किया। वर्ष 1998 में उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस ने उन्हें ऑनरेरी डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि से नवाजा था। उनसे पहले ये सम्मान नेल्सन मंडेला को मिला था। वर्ष 1999 में भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को दिया गया था।