उन्होंने कहा कि देश में राम मंदिर तो कई हैं, लेकिन अयोध्या में समस्या जन्मभूमि की है। सरकार ने उसे विवादित किया। राम जन्मभूमि उद्धार समिति हाई हाईकोर्ट से रामजन्म भूमि को जन्म स्थान घोषित कराने में सफल रही, लेकिन आज सरकार हिंदू-मुस्लिमों को लड़ा रही हैं, लड़ाई कोर्ट में हैं। स्टे लगा है, लेकिन वहां नेता पहुंच कर विवाद करा रहे हैं। सनातन धर्म और सरकार के दृष्टिकोण में अंतर है। हम राम को ब्रह्म मानते हैं, जबकि यह उन्हें महापुरुष मनाते हैं। आदर्श राम का मंदिर बनवाएंगे, आदर्श तो बल्लभ भाई पटेल भी हैं। भगवान ने लोगों के भले के लिए मनुष्य अवतार लिया। इसलिए उनका मंदिर बनना चाहिए। साथ ही देश के धर्मात्मा, साधु और भक्त मंदिर निर्माण पूरा कराएंगे।
आंखों पर लोगों ने बांध रखी है पट्टी
गृहस्थ है, उसे भी गुरु ? बना रहे हैं। लोगों ने आजकल अपनी आंखों पर पट्टी बांध रखी है। उन्होंने कहा कि जो राम के साथ रहीम और राम के साथ आशा लगा रहा है, वो साधु कैसे हो सकता है। क्या कभी किसी शंकराचार्य ने ऐसा काम किया है।
आज भी रामराज्य आदर्श राज के रूप में प्रसिद्ध है, लेकिन आज महिलाओं का अपमान और उनसे दुष्कर्म हो रहा है और सरकार नियंत्रण नहीं कर पा रही। इसके पीछे का करण है कि सरकारें संस्कारवान शिक्षा नहीं दे पा रही है। शिक्षा ऐसी हो जिसमें शास्त्र और संस्कारों का समावेश हो। उन्होंने कहा कि इस बार माघ मेले में कैंप लग रहे हैं, तो हमसे कहा जा रहा है, कि आपको अनुमति नहीं मिलेगी। इस तरह से पक्षपात है। इसलिए अनुमति नहीं मिली, तो हम नहीं जाएंगे, लेकिन गंगा जरूर नहाएंगे।