जगदीशपुरा क्षेत्र के रहने वाले अश्फाक सैफी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री हैं। उनके भाई इश्त्याक के दुकान के कर्मचारी का रविवार को पड़ोसी श्याम से विवाद हो गया था। इसके बाद श्याम ने थाने में तहरीर दी थी। इस मामले को लेकर सुबह पहले दो सिपाही पूछताछ के लिए आए थे। इसके बाद शाम को इश्त्याक और आरिस थाने में बातचीत के लिए गए। आरोप है कि इस बीच दरोगा ने समझौते की बात कहते हुए अभद्रता की। जब अश्फाक सैफी ने फोन पर बात की तो दरोगा ने इश्त्याक को हवालात में डाल दिया। इसके बाद अश्फाक सैफी थाने में आकर बैठ गए। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने को घेर लिया। इसके बाद इंस्पेक्टर वहां पहुंचे और इश्त्याक को छोड़ा। तब जाकर मामला शांत हुआ। अश्फाक सैफी का आरोप है कि दरोगा दस हजार रुपए रिश्वत मांग रहे थे। मना करने पर अभद्रता की। अब वे इस मामले की शिकायत एसएसपी से करेंगे। हालांकि इंस्पेक्टर ने रिश्वत के आरोप को पूरी तरह गलत बताया है।