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आगरा

शहर के इस मार्ग पर 45 वर्ष बाद मिलने जा रही जाम से मुक्ति, योगी सरकार ने दी आरओबी के लिए मंजूरी

रुई की मंडी रेलवे फाटक पर मिली आरओबी की स्वीकृति

आगराSep 20, 2019 / 07:20 pm

धीरेंद्र यादव

शहर के इस मार्ग पर 45 वर्ष बाद मिलने जा रही जाम से मुक्ति, योगी सरकार ने दी आरओबी के लिए मंजूरी

शहर के इस मार्ग पर 45 वर्ष बाद मिलने जा रही जाम से मुक्ति, योगी सरकार ने दी आरओबी के लिए मंजूरी

आगरा। ताजमहल के शहर आगरा में कई मार्गों पर जाम रहता है, लेकिन सर्वाधिक जाम की स्थिति रुई की मंडी रेलवे फाटक पर होती है। लंबे समय से इस मार्ग पर आरओबी बनाने की मांग चली आ रही है, जिसे योगी सरकार ने मंजूरी दे दी है। राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने सर्किट हाउस में कहा कि जल्द ही इस आरओबी के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
ये बोले राज्यमंत्री
राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश ने बताया कि विगत् 40-45 वर्षों से रूई की मण्डी रेलवे फाटक पर भयंकर जाम की स्थिति बनी रहती है। यह स्थिति उस समय और भी भयंकर हो जाती है, जब आगरा फोर्ट, ईदगाह से बयाना की तरफ जाने वाली रेलगाड़ियों के समय फाटक बन्द कर दिया जाता है। रेल फाटक खुलने के बाद यातायात सामान्य होने में काफी समय लग जाता है। बारह खम्बा की तरफ से रूई की मण्डी मार्केट की तरफ मार्केट में खरीदारी हेतु जाने वाले लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। बारह खम्बा रूई की मण्डी, अर्जुन नगर, अजीत नगर, ख्वासपुरा, नरीपुरा, धनौली, मलपुरा एवं जगनेर रोड पर अन्य दर्जनों बस्तियों के लोगों का प्रतिदिन आवागमन रहता है। इस कारण अनेक वर्षों से उक्त फाटक पर जाम की स्थिति से जनता परेशान रहती है।
राज्यमंत्री के प्रयास से मिली सफलता
डॉ. जीएस धर्मेश ने बताया कि विधायक बनने के पश्चात् इस गम्भीर समस्या को प्राथमिकता के आधार पर समाधान करने की दिशा में प्रयास शुरू किये और सदर तहसील से ईदगाह रेलवे स्टेशन के निकट ईदगाह बयाना रेल सेक्शन के ऊपर से होते हुए अर्जुन नगर की तरफ बने एलिवेटेड रेल सेक्शन (नई दिल्ली-आगरा कैन्ट) के पास तक रेल उपरिगामी सेतु (आरओबी) निर्माण कराये जाने के सम्बन्ध में प्रयास प्रारम्भ किये। राज्यमंत्री ने कहा कि जनवरी 2018 में उप्र ब्रिज कॉर्पोरेशन के आगरा इकाई के अधिकारियों एवं सेंट्रल रेलवे के डीआरएम आगरा कैन्ट एवं अन्य अधिकारियों के साथ संयुक्त स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के पश्चात् रेलवे डीआरएम आगरा कैन्ट ने आरओबी बनाने हेतु एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी कर दिया और आरओबी बनाने हेतु उप्र ब्रिज कॉर्पोरेशन द्वारा 65 करोड़ की धनराशि का प्रस्ताव बनाया गया। तभी से उनके द्वारा प्रमुख सचिव लोनिवि व प्रमुख सचिव उप्र ब्रिज कॉर्पोरेशन से लगातार वार्ता एवं सम्पर्क कर एस्टीमेट को शासन में भिजवाया। बीच में लगाई गई तमाम आपत्तियों का निराकरण भी अधिकारियों से करवाया और प्रस्ताव शासन में स्वीकृति हेतु भिजवाया। अनेक बार उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलकर प्रस्ताव को स्वीकृति दिलवायी। उन्होंने इसके लिए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी का आभार प्रकट किया।
65 करोड़ का प्रस्ताव
राज्यमंत्री ने कहा कि दो वर्ष का प्रयास रंग लाया और 4 सितम्बर 2019 को उक्त स्थान पर आरओबी बनाये जाने हेतु राज्य सरकार की सहमति मिल गयी है। 65 करोड़ के एस्टीमेट में रेलवे द्वारा उपलब्ध कराई जा रही रेलवे विभाग की भूमि आजीवन लीज पर देने की लगभग 14 लाख 50 हजार रूपये की धनराशि भी राज्य सरकार द्वारा वहन की जायेगी और सेतु निर्माण में रेलवे विभाग द्वारा कोई सहभागिता नहीं की जायेगी। शासन द्वारा कुछ बिन्दुओं पर उप्र राज्य सेतु निगम द्वारा स्थल पर सर्वे एवं मृदा परीक्षण करा लिया गया है। 19 सितम्बर 2019 को सेतु निगम एवं रेलवे विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर कॉमन पीयर की लोकेशन क्लीयर कर ली गयी है।
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