आरएसएस का विश्व में शीर्ष स्थान
उन्होंने कहा कि हमने अपने संस्कृति व सभ्यता के लिए बलिदान दिए हैं। हमारी संस्कृति श्रेष्ठ है। समाज में हमारी स्वीकार्यता है, क्योंकि हमने सदैव समाज और राष्ट्र के लिए समर्पण कर कार्य किया है इसी का परिणाम है कि अनुसाशन और सूचना पालन में हमारा संगठन विश्व में शीर्ष स्थान रखता है। हम जियो और जीने दो की सभ्यता के द्योतक है। हम भोगवादी नहीं, संरक्षण वादी है। हमारे महापुरुषों द्वारा अपनी संस्कृति व सभ्यता के लिए अपने आप को बलिदान कर दिया है हमारी गुरुकुलो में हजारों देशी विदेशी छात्र रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। हमारे लोग विदेशो में भी शिक्षा व संस्कार देने के लिए गए थे। नाव में अपने वेद पुराण रखकर गए। अचानक बीच में नाव हिलने लगी। तभी कहा कि वजन कम कर दो, नहीं तो नाव डूब जाएगी। तभी पानी में छप-छप की आवाज आई। तभी नाविक ने देखा कि पुराण वेद सुरक्षित हैं, लेकिन उनको लाने वाले नहीं हैं। उन्ने कहा कि हमारा इतिहास गौरवशाली इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा कि हमने अपने संस्कृति व सभ्यता के लिए बलिदान दिए हैं। हमारी संस्कृति श्रेष्ठ है। समाज में हमारी स्वीकार्यता है, क्योंकि हमने सदैव समाज और राष्ट्र के लिए समर्पण कर कार्य किया है इसी का परिणाम है कि अनुसाशन और सूचना पालन में हमारा संगठन विश्व में शीर्ष स्थान रखता है। हम जियो और जीने दो की सभ्यता के द्योतक है। हम भोगवादी नहीं, संरक्षण वादी है। हमारे महापुरुषों द्वारा अपनी संस्कृति व सभ्यता के लिए अपने आप को बलिदान कर दिया है हमारी गुरुकुलो में हजारों देशी विदेशी छात्र रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। हमारे लोग विदेशो में भी शिक्षा व संस्कार देने के लिए गए थे। नाव में अपने वेद पुराण रखकर गए। अचानक बीच में नाव हिलने लगी। तभी कहा कि वजन कम कर दो, नहीं तो नाव डूब जाएगी। तभी पानी में छप-छप की आवाज आई। तभी नाविक ने देखा कि पुराण वेद सुरक्षित हैं, लेकिन उनको लाने वाले नहीं हैं। उन्ने कहा कि हमारा इतिहास गौरवशाली इतिहास रहा है।
गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर अब कंकड़ नहीं
इससे पूर्व जिला कार्यवाह देवेन्द्र त्यागी ने बताया कि डॉ. हरीश ने उत्तराखण्ड में पहाड़ों से नष्ट हो रही संस्कृति को बचाने के लिए हरेला पर्व की शुरुआत की थी। वह बड़े स्तर पर वहां पर मनाया जाता है। गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में पड़ने बाले कंकड़ों को देखते हुए प्रान्त प्रचारक ने स्वयंसेवकों से बृजरज का आह्वान किया और कहा कि जो भी परिक्रमा देने जाएगा, वह अपने साथ दो किलो मिट्टी लेकर जायेगा और परिक्रमा मार्ग पर डालेगा। आज वहां पर कंकड़ नहीं हैं।
इससे पूर्व जिला कार्यवाह देवेन्द्र त्यागी ने बताया कि डॉ. हरीश ने उत्तराखण्ड में पहाड़ों से नष्ट हो रही संस्कृति को बचाने के लिए हरेला पर्व की शुरुआत की थी। वह बड़े स्तर पर वहां पर मनाया जाता है। गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में पड़ने बाले कंकड़ों को देखते हुए प्रान्त प्रचारक ने स्वयंसेवकों से बृजरज का आह्वान किया और कहा कि जो भी परिक्रमा देने जाएगा, वह अपने साथ दो किलो मिट्टी लेकर जायेगा और परिक्रमा मार्ग पर डालेगा। आज वहां पर कंकड़ नहीं हैं।
स्वयंसेवकों ने किया योगाभ्यास
इससे पूर्व हजारों की संख्या में कार्यक्रम में आये स्वयंसेवकों द्वारा योगाभ्यास किया गया। कार्यक्रम में ब्लॉक बरौली अहीर, शमसाबाद, फतेहाबाद, पिनाहट, बाह , जैतपुर तक के स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में विभाग संघचालक हरीशंकर, जिलासंघ चालक डॉ चन्द्रभान, देवेन्द्रत्यागी, सहविभाग प्रचारक प्रमोद, अजय, कुश, विधायक जितेन्द्र वर्मा, राजेश कुशवाह, राजेश पालीवाल, सुशील शर्मा, अशोक गुप्ता, पवन, अभिषेक, सुमित आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
इससे पूर्व हजारों की संख्या में कार्यक्रम में आये स्वयंसेवकों द्वारा योगाभ्यास किया गया। कार्यक्रम में ब्लॉक बरौली अहीर, शमसाबाद, फतेहाबाद, पिनाहट, बाह , जैतपुर तक के स्वयंसेवकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में विभाग संघचालक हरीशंकर, जिलासंघ चालक डॉ चन्द्रभान, देवेन्द्रत्यागी, सहविभाग प्रचारक प्रमोद, अजय, कुश, विधायक जितेन्द्र वर्मा, राजेश कुशवाह, राजेश पालीवाल, सुशील शर्मा, अशोक गुप्ता, पवन, अभिषेक, सुमित आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।