भाजपा सत्ता में आई तो पूरा का पूरा माहौल बदला हुआ था। कभी बसपा के विधायकों की संख्या आगरा जनपद में अधिक हुआ करती थी। लेकिन, 2017 के चुनाव ने सपा और बसपा को खाता भी नहीं खुलने दिया। इससे पहले सांसद के दोनों पद भाजपा के खाते में थे। सरकार बनी तो सबसे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए जंग भी शुरू हो गई। अविश्वास प्रस्ताव लाकर ये कुर्सी भाजपाईयों ने छींन ली।
जिला सहकारी बैंक का चेयरमैन भी भाजपा का निर्विरोध चुना गया। इससे पहले सपा की पक्षालिका सिंह के पास ये पद था। एत्मादपुर और जैतपुरकलां में भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया। लेकिन, एत्मादपुर पर ही ब्लॉक प्रमुख का बदलाव हो सका। जनपद में पहले 13 ब्लॉक प्रमुख समाजवादी पार्टी के पास थे। अब 12 बचे हैं। भाजपाइयों की नजर 12 ब्लॉक प्रमुख पदों पर टिकी है। भाजपाई सपा के ब्लॉक प्रमुखों को कुर्सी से हटाने के लिए फिर जुगाड़ लगा रहे हैं। लेकिन, इस बार दाल गलती नहीं दिख रही है।