अपहरण के बाद हत्या का शिकार हुआ धनन्जय घर से ही अचानक लापता हो गया था। परिजन उसकी तलाश में दर-दर भटकते रहे लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। थाना सैंया में परिजनों ने तहरीर देकर गुमशुदगी दर्ज कराई। बाद में परिजनों को अपने नौकर अनिल पर अपहरण कराने का शक हुआ। परिजनों की आशंका पर थाना सैंया पुलिस ने गुमशुदगी को अपहरण में तरमीम कर लिया, लेकिन ठोस कदम न उठाने के चलते शातिर ने अपने मंसूबों को अंजाम दे दिया।
थाना सैंया के राजपुरा से अपहृत बालक की नृशंस हत्या कर दी गई। उसका कंकाल पुलिस ने नृशंस हत्या के आरोपी अनिल की निशान देही पर 13 दिन बाद गांव के पास खेत से बरामद किया है। खेत में बच्चे का कंकाल मिलने की सूचना आस-पास के इलाके में जंगल में आग की तरह फैल गई। इस सनसनी खेज वारदात से लोग दहशत में है।
थाना सैंया पुलिस ने खेत में पड़े मिले मासूम बच्चे के कंकाल को तत्काल कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को आशंका थी कि हत्या के बाद से गुस्साये परिजन हंगामा कर सकते हैं।थाना सैंया पुलिस ने दिल दहला देने वाली हृदय विदारक घटना के आरोपी अनिल को थाना शमसाबाद क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। हत्या की वजह बताते हुए आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह 25 अगस्त को धनराज के घर पशु संभालने की नौकरी करने आया था। करीब आठ साल का तीसरी कक्षा में पढने वाला धनराज उससे जल्दी ही घुल मिल गया। धनराज से खेल खेल में अनिल का मोबाइल टूट गया। अनिल पशु भगाने के बहाने मासूम को अपने साथ खेत पर ले गया जहां उसने गला दबाकर धनराज की हत्या कर दी ।