मरीजों को अब मिलेगा आॅनलाइन पर्चा
एसएन में इलाज कराने वालों की लंबी चौड़ी लाइन लगी रहती है। दिल्ली के एम्स जैसी सुविधाएं देने की कोशिश करने वाली सरकार ने पहले चरण में मरीजों को आॅनलाइन सुविधा देने की शुरूआत की है। एक अगस्त से यहां मरीजों को आॅनलाइन पर्चा दिया जाएगा। जिसकी पूरी जानकारी चिकित्सक के पास दर्ज होगी।
एसएन में इलाज कराने वालों की लंबी चौड़ी लाइन लगी रहती है। दिल्ली के एम्स जैसी सुविधाएं देने की कोशिश करने वाली सरकार ने पहले चरण में मरीजों को आॅनलाइन सुविधा देने की शुरूआत की है। एक अगस्त से यहां मरीजों को आॅनलाइन पर्चा दिया जाएगा। जिसकी पूरी जानकारी चिकित्सक के पास दर्ज होगी।
ये हैं एसएन में पुरानी व्यवस्थाएं
एसएन मेडिकल कॉलेज में हालांकि सुपर स्पेशलिटी बिल्डिंग में मरीजों का इलाज शुरू हो गया है। लेकिन, अभी तक ये बिल्डिंग कॉलेज प्रबंधन को हैंडओवर नहीं की गई है। एसएन मेडिकल कॉलेज में रोजाना करीब दो हजार मरीजों की ओपीडी होती है। वहीं एक हजार से अधिक मरीज रुटीन के होते है। एसएन में करीब साढ़े नौ से पलंग की व्यवस्था है, जो अधिकांश भरे रहते हैं। वहीं अन्य अस्पतालों से रेफर किए गए मरीज भी आते है। करीब डेढ़ लाख मरीज हर महीने एसएन पहुंचते हैं। ऐसे मरीजों को ईहॉस्पिटल होने से कई सुविधाएं मुहैया होंगी।
एसएन मेडिकल कॉलेज में हालांकि सुपर स्पेशलिटी बिल्डिंग में मरीजों का इलाज शुरू हो गया है। लेकिन, अभी तक ये बिल्डिंग कॉलेज प्रबंधन को हैंडओवर नहीं की गई है। एसएन मेडिकल कॉलेज में रोजाना करीब दो हजार मरीजों की ओपीडी होती है। वहीं एक हजार से अधिक मरीज रुटीन के होते है। एसएन में करीब साढ़े नौ से पलंग की व्यवस्था है, जो अधिकांश भरे रहते हैं। वहीं अन्य अस्पतालों से रेफर किए गए मरीज भी आते है। करीब डेढ़ लाख मरीज हर महीने एसएन पहुंचते हैं। ऐसे मरीजों को ईहॉस्पिटल होने से कई सुविधाएं मुहैया होंगी।
एक अगस्त से मिलेगी सुविधा
प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा का कहना है कि पहले चरण में एक अगस्त से ई हॉस्पिटल की सुविधा मरीजों को मिलना शुरू हो जाएगी। पहले चरण के लिए करीब चार दर्जन कंप्यूटर्स से आॅनलाइन सिस्टम लागू होगा।
प्राचार्य डॉ. जीके अनेजा का कहना है कि पहले चरण में एक अगस्त से ई हॉस्पिटल की सुविधा मरीजों को मिलना शुरू हो जाएगी। पहले चरण के लिए करीब चार दर्जन कंप्यूटर्स से आॅनलाइन सिस्टम लागू होगा।
दूसरे और तीसरे चरण में होगा ये काम
एसएन मेडिकल कॉलेज में तीन चरणों में काम होगा। दूसरे और तीसरे चरण में वॉर्ड और चिकित्सक आॅनलाइन होंगे। चिकित्सकों को लैपटॉप दिए जाएंगे। मरीजों की पूरी केस हिस्ट्री आॅनलाइन होगी, जिससे वे आसानी से उपचार कर सकेंगे।