ज्योतिषाचार्य का कहना है कि दोनों की ग्रहण को भारत में देखा जा सकेगा। लेकिन 21 जून 2020 को पड़ने जा रहे सूर्य ग्रहण को ज्योतिष की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह ग्रहण मिथुन राशि में लगेगा। ग्रहण के समय मंगल जलीय मीन राशि में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा व राहू को देखेंगे। ये स्थिति अशुभता की सू चक है। इसके अलावा ग्रहण के दौरान शनि, गुरू, शुक्र, बुध, राहू और केतू वक्री होंगे। इन छह ग्रहों का वक्री होना दुनियाभर में तबाही और उथल पुथल का संकेत है।
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इस दौरान भारत समेत दुनियाभर में महामारी, तूफान, अत्यधिक वर्षा, बाढ़, समुद्री चक्रवात आदि प्राकृतिक आपदाएं बढ़ने की आशंका है। ऐसे में बड़ी संख्या में जन और धनहानि हो सकती है। कई जगहों पर भोजन के संकट से भी जूझना पड़ सकता है। शनि, मंगल और गुरू के प्रभाव से दुनियाभर में सालभर तक मंदी रहने के आसार हैं।
5 जून 2020 को रात्रि 11 बजकर 15 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू होगा और 6 जून को 2 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा। इसमें सूतक काल मान्य नहीं होगा। वहीं 21 जून 2020 को सूर्य ग्रहण सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लगेगा। यह सूर्य ग्रहण दोपहर तीन बजकर तीन मिनट तक रहेगा। सूतक काल 12 घंटे पूर्व से आरंभ होगा जो कि ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा।
ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल में अपने इष्ट का अधिक से अधिक मानसिक जाप करें। उनसे दुनियाभर में मचे हाहाकार के निदान के लिए प्रार्थना करें। दान पुण्य करें। जरूरतमंदों की मदद करें।
रिपोर्ट- सुचिता मिश्रा