आगरा में Airport की जरूरत नहीं, पर्यटन वाले कर रहे हैं शोषण, देखें वीडियो
-डॉ. दिग्जेन्द्र सिंह ने कहा- पर्यटन क्षेत्र के लोग अपने फायदे के लिए हवाई उड़ानों को घाटे में चलवाना चाहते हैं
-अगर हवाई अड्डे की जरूरत होती तो आगरा से उड़ानें खाली नहीं जातीं
-जेवर एयरपोर्ट शुरू होते ही आगरा हवाई अड्डे की महत्ता समाप्त हो जाएगी
आगरा। चिकित्सक (Doctor) और समाजसेवी (Social worker) डॉ. दिग्जेन्द्र सिंह (Dr Digjendra singh) ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि आगरा (Agra) में हवाई अड्डा (Airport) की कोई जरूरत नहीं है। वे यही नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन क्षेत्र (Tourism Industry) के लोग अपने फायदे के लिए हवाई उड़ानों (Flights) को घाटे में चलवाना चाहते हैं। यही कारण है कि हवाई उड़ानें शुरू होती हैं और बाद में बंद हो जाती हैं। कोई भी एयरलाइंस (Airlines) कंपनी घाटे में कब तक हवाई जहाज (Aircrafts) उड़ाएगी।
यह भी पढ़ेंफव्वारों और झरनों से शहर की सुंदरता में लगेंगे चार चांद, सात चौराहे हुए चिन्हितजरूरत होती तो हवाई जहाज खाली न जाते पत्रिका से बातचीत में डॉ. दिग्जेन्द्र सिंह ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र के व्यापारियों के दबाव में सरकार हवाई अड्डा या हवाई उड़ान का निर्णय लेती है। आम व्यापारी और आम जनता को हवाई अड्डा का कोई जरूरत नहीं है। यह कहे जाने पर आगरा के व्यापारियों को हवाई उड़ान चाहिए, तो उन्होंने कहा कि जब आगरा से मुंबई के लिए उड़ान शुरू होती है तो उनसे जाते नहीं हैं। घाटे में चलती रहती हैं। अगर व्यापारियों को हवाई उड़ान चाहिए तो वह खाली क्यों जाती है? क्यों 10-12 लोग रहते हैं? यह सिर्फ कहने की बातें हैं कि व्यापारियों को चाहिए।
यह भी पढ़ेंतंजीम उलेमा इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन समेत दो पर केस दर्ज पर्यटन वाले कर रहे शोषण पर्यटन वालों को फायदा क्या है, सवाल पर डॉ. दिग्जेन्द्र सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि हवाई उड़ान शुरू होगी तो पर्यटक प्रवास करेगा। पर्यटकों के प्रवास के लिए पर्यटन वाले स्वस्थ वातावरण तो बनाएं। जनवरी में एपीकॉन कॉन्फ्रेंस होने जा रही है। जिस होटल के कमरे का सामान्य किराया दो हजार रुपये होता है, उसके असितारा श्रेणी के होटल 7-8 हजार रुपये चार्ज कर रहे हैं। यह किराया 6-8 जनवरी के लिए है। क्या यह शोषण नहीं है? उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं पता किया है। आप पता कीजिए। चार गुनी कीमत पर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन वृद्धि के लिए पर्यटन क्षेत्र के लोगों को अपने व्यवहार और आचरण में सुधार लाना चाहिए। बिल्डिंग बनाने और एयरपोर्ट बनाने से विकास नहीं होता है। आगरा में पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी होती है। इन पर भी तो लगाम लगनी चाहिए।
यह भी पढ़ेंचालक को नींद की झपकी आने से अनियंत्रित होकर बस पलटी, 15 घायलमेट्रो पर भी सवाल क्या आगरा में मेट्रो रेल लाभदायक रहेगी, सवाल पर डॉ. दिग्जेन्द्र सिंह ने कहा कि आगरा बहुत बड़ा शहर नहीं है। 15 किलोमीटर में पूरा शहर सिमट जाता है। देखा गया है कि जहां जरूरत नहीं है, वहां मैट्रो चलाएं तो सरकार के लिए सफेद हाथी साबित होता है। मेट्रो से आगरा को जाम से मुक्त मिलेगी? सवाल पर कहा कि आगरा में टूरिस्ट के कारण जाम नहीं लगता है। स्थानीय लोगों के कारण जाम लगता है। बाहर का पर्यटक आया तो सिकंदरा में कहां वाहन खड़ा करेगा। आगरा में पार्किंग की जगह ही नहीं है। पर्यटक तो शहर के बाहर होकर निकल जाता है।
यह भी पढ़ेंदूध की डेयरी पर छापा, बन रहा था ‘जहरीला दूध’जेवर में एयरपोर्ट शुरू होते ही आगरा हवाई अड्डा की महत्ता समाप्त यह कहे जाने पर कि एयरपोर्ट और मैट्रो की मांग पूरा शहर कर रहा है और आप उल्टा बोल रहे हैं, उन्होंने कहा कि शहर नहीं कर रहा है, व्यापारी कर रहे हैं। आम आदमी से पूछिए कि उसे क्या चाहिए। मान सकता हूं कि मैट्रो सुविधाजनक हो सकती है, लेकिन एयरपोर्ट की क्या जरूरत है। अगर फ्लाइट खाली चलेंगी तो सिविल टर्मिनल बनाने से क्या फायदा। सवाल यह है कि यात्री आगरा से फ्लाइट क्यों नहीं पकड़ते हैं? इसका कारण यह है कि आगरा सड़क मार्ग से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आगरा से दिल्ली के लिए फ्लाइट की क्या जरूरत है। चार घंटे में व्यक्ति सड़क से पहुंच जाता है। आने वाले समय में जेवर में एयरपोर्ट तैयार हो जाएगा तो आगरा एयरपोर्ट की महत्ता समाप्त हो जाएगी।
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