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कासगंज

दूध की डेयरी पर छापा, बन रहा था ‘जहरीला दूध’

सिंथेटिक दूध लोगों की जिदंगी में जहर घोल रहा है। इसकी पहचान करने के लिए दूध को सूंघें। अगर साबून जैसी गंध आ रही है, तो इसका मतलब है दूध सिंथेटिक है, जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती।

कासगंजDec 11, 2019 / 02:38 pm

अमित शर्मा

दूध की डेयरी पर छापा, बन रहा था ‘जहरीला दूध’

दूध की डेयरी पर छापा, बन रहा था ‘जहरीला दूध’

कासगंज। यूपी के कासगंज जनपद में सिंथेटिक दूध का काराबोर चर्म सीमा पर चल रहा है। प्रशासन भी इन पर लगाम लगाने के लिए तैयार है। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह के निर्देश पर सदर एसडीएम के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने जहरीला दूध बनाकर बैचने वाली एक डेयरी पर छापा मार कार्रवाई की। टीम ने मौके से भारी मात्रा में हाइड्रोजन, ग्लूकोस, रिफाइंड के अलावा अन्य सामान मौके से बरामद कर तैयार किये गए तीन कुंटल दूध को नष्ट कराया है।
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सदर एसडीएम ललित कुमार की देखरेख में खाद्य विभाग की टीम ने सोरों कोतवाली क्षेत्र के गांव भिदौनी में छापामार कार्रवाई की तो यहां भारी मात्रा में जहरीला दूध तैयार किया जा रहा था। टीम को देखकर डेरी संचालक विजित यादव उर्फ हिसाब सिंह मौके से फरार हो गया। टीम ने जहरीला दूध तैयार करने वाला रिफाइंड, ग्लूकोस, हाइड्रोजन के अलावा अन्य जहरीला सामान भारी मात्रा में बरामद किया है। बताया जा रहा है कि विजित यादव बीते दो वर्ष से जहरीला दूध बनाकर बैचने का काम करता था। टीम ने मौके से लोगों की जिंदगी में जहर खोलने वाला तीन कुंटल दूध को फैला कर नष्ट कराया है। वहीं पांच नमूने संग्रहित कर प्रयोगशाला भेज दिया हैं। इस कार्रवाई के बाद सिंथेटिक दूध बनाने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।
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ऐसे करें पहचान

सिंथेटिक दूध लोगों की जिदंगी में जहर घोल रहा है। इसकी पहचान करने के लिए दूध को सूंघें। अगर साबून जैसी गंध आ रही है, तो इसका मतलब है दूध सिंथेटिक है, जबकि असली दूध में कुछ खास गंध नहीं आती। असली दूध का स्वाद हलका मीठा होता है, जबकि मिलावटी दूध का स्वाद डिटरजेंट और सोड़ा मिला होने की वजह से कड़वा होता है, असली दूध स्टोर करने पर अपना रंग नहीं बदलता नहीं, जबकि नकली दूध कुछ वक्त के बाद पीला पड़ने लगता है।
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ये होती है मिलावट
जहरीला दूध तैयार करने के लिए यूरिया, राग घी, हाइड्रोजन डिटर्जेंट पाउडर का प्रयोग किया जाता है, जोकि सेहद को खराब करता है। साथ ही सिंथेटिक दूध पीने वाले कैंसर जैसी घातक बीमारियां का शिकार हो स कते हैं।
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