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आगरा

गर्भ संस्कार कार्यशाला: ‘संभोग के वक्त की सोच भी भावी बच्चे को बनाती है तेजस्वी’

– गर्भ संस्कार की शिक्षा से ही दुनिया को मिले महावीर और विवेकानंद -न्यू राजा मंडी कॉलोनी स्थित महावीर भवन में जैन जागृति महिला मंडल की दो दिवसीय कार्यशाला शुरू

आगराOct 18, 2019 / 08:54 pm

अमित शर्मा

गर्भ संस्कार कार्यशाला: ‘संभोग के वक्त की सोच भी भावी बच्चे को बनाती है तेजस्वी’

गर्भ संस्कार कार्यशाला: ‘संभोग के वक्त की सोच भी भावी बच्चे को बनाती है तेजस्वी’

आगरा। इस दुनिया को गर्भ संस्कार की शिक्षा से ही अभिमन्यु, भगवान महावीर और स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष मिले। यहां तक कि संभोग के वक्त की दंपति की सोच भी भावी बच्चे का रंग, रूप और बुद्धि-बल तय करने के साथ उसे मेधावी व तेजस्वी बनाती है। यह जानकारी शुक्रवार को जैन जागृति महिला मंडल द्वारा न्यू राजा मंडी कॉलोनी स्थित महावीर भवन में आयोजित दो दिवसीय निशुल्क गर्भ संस्कार कार्यशाला के शुभारंभ पर उपस्थित सैकड़ों महिलाओं को औरंगाबाद से पधारी जैन विशारद सीमा जांबड़ और पुष्पा जैन ने दी।
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उन्होंने बताया कि माता के विचार व माता की संवेदना भावी पीढ़ी के निर्माण में महती भूमिका निभाते हैं। सीमा जांबड़ ने कलर थेरेपी से गर्भ संस्कार शिक्षा देते हुए बताया कि हर रंग की अलग-अलग ऊर्जा होती है और गर्भवती स्त्री जिस रंग के प्रति आकर्षित होती है, उस रंग के गुण भावी बच्चे को प्रभावित करते हैं। उदाहरण के लिए अगर गर्भवती स्त्री पीला रंग पसंद करती है तो पीले रंग का नेतृत्व वाला गुण बच्चे को प्रभावित करता है। उन्होंने सोने से पूर्व चौदह स्वप्न की साधना, योगा, प्राणायाम, शुद्ध सात्विक आहार को भी गर्भ संस्कार शिक्षा के अंतर्गत उपयोगी बताया।

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डॉ सुनीता गर्ग ने बताया कि एक मां को बच्चा गर्भ में लाते समय उन आत्माओं का आह्वान करना चाहिए जो पृथ्वी के कल्याण के लिए आतुर हैं। गर्भवती स्त्री को अपने हृदय में दिव्य पुरुष के जन्म की अभिलाषा जगानी चाहिए।

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डॉक्टर नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि बच्चा होने से पहले हर स्त्री को फॉलिक एसिड की गोली उपहार में दी जानी चाहिए। यह फॉलिक एसिड सात्विक आहार में पाया जाता है। माँ अच्छा संगीत सुनें, अच्छी बातें सुनें। इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। आगरा के जिलाधिकारी की पत्नी डॉक्टर हेमलता ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि मां के मस्तिष्क का नियंत्रण गर्भ धारण करने से पहले ही करना चाहिये। एक मां का फिजिकल के साथ मेंटल न्यूट्रिशन भी जरूरी है।

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महेंद्र जैन ने संचालन किया। कार्यक्रम संयोजिका मीता जैन रहीं। एकता गोयल, नेहा जैन, प्रेमचंद जैन, मुकेश जैन, अशोक सुराना ‘कलाकृति’, मनोज जैन, पूर्व डिप्टी मेयर अशोक जैन एडवोकेट व सुशील जैन ने भी विचार व्यक्त किए। सुलेखा सुराना, सुमित्रा जैन, हेमलता जैन, पदमा सुराणा, सरिता सुराणा, प्रभा गादिया, दीपा सुराणा, संगीता सकलेचा, शकुंतला सुराणा, कांता सुराणा, रचना पारख, शशि सकलेचा, हर्ष बाला बुरड़, लता सिंघी, मधु बुरड़, संगीता सुराणा, शैलबाला सुराना और नीलिमा सेठिया ने व्यवस्थाएं संभालीं। संयोजिका मीता जैन ने बताया कि 19 अक्टूबर को सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कार्यशाला चलेगी।
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