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आगरा

दुष्कर्म के मामलों पर लगानी है लगाम, तो लड़कियों को खुद करने होंगे ये काम…

दुष्कर्म या तेजाब अटैक जैसी की घटनाओं को रोकने के लिए सिर्फ पुलिस और सरकार के बलबूते रहना समझदारी नहीं है। इनसे बचने के लिए लड़कियों को खुद बेहद सतर्क और सावधान रहना होगा।

आगराJan 30, 2020 / 01:55 pm

suchita mishra

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आगरा। देश में महिलाओं के साथ अपराध के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अपराधी पूरी तरह से बेखौफ हैं। आए दिन दुष्कर्म और तेजाब फेंकने जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में बात अगर सिर्फ आगरा शहर की करें तो यहां दो महीने यानी दिसंबर और जनवरी के अंदर अब तक 11 मामले दुष्कर्म के सामने आ चुके हैं। दुष्कर्म या एसिड अटैक जैसे तमाम मामले जब भी सामने आते हैं तो लोग कुछ दिनों तक पुलिस से लेकर सरकारों तक को कोसते हैं। लापरवाही बरतने की तमाम बातें करते हैं। कभी मामला ज्यादा प्रचलित हो जाए तो कुछ दिनों तक शोर शराबा होता है, लेकिन थोड़े दिनों के बाद फिर से सब कुछ सामान्य हो जाता है। इन सब बातों से गंदी सोच रखने वाले दरिंदों पर कोई फर्क नहीं पड़ता और वे बेखौफ होकर फिर से कहीं पर किसी लड़की के साथ घटना को अंजाम दे देते हैं।
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ऐसे कसेगी घटनाओं पर लगाम
इन स्थितियों से ये स्पष्ट है कि दुष्कर्म या तेजाब अटैक जैसी की घटनाओं को रोकने के लिए सिर्फ पुलिस और सरकार के बलबूते रहना समझदारी नहीं है। यदि इनके भरोसे कुछ होना होता तो निश्चित रूप से अब तक ऐसे अपराधों पर लगाम लग चुकी होती। न ही लोगों के चिल्लाने से कुछ होगा। यदि वाकई इन हादसों पर लगाम लगानी है तो लड़कियों को खुद इस मामले में सजग होना पड़ेगा और सावधानी बरतनी होगी। ये सच है कि किसी भी दुर्घटना पर किसी का कोई बस नहीं होता, लेकिन ये भी सच है कि यदि सावधानी और सजगता बरती जाए तो काफी हादसों को टाला जा सकता है। यहां जानिए कुछ ऐसी छोटी छोटी सामान्य बातें, जिन्हें ध्यान में रखकर युवतियां तमाम बड़ी घटनाओं का शिकार बनने से खुद को बचा सकती हैं।
1. आजकल लड़के और लड़कियों में दोस्ती होना आम बात है। लेकिन दोस्ती के चक्कर में कभी भी किसी मित्र को अपने घर के हालातों की पूरी जानकारी न दें और न ही उन्हें अपनी किसी कमजोरी के बारे में अहसास होने दें। क्योंकि कब किसके दिमाग में क्या चल रहा है, ये समझ पाना हमारे बस में नहीं हैं। इसलिए पहले से ही सावधानी बरतें।
2. मनोविज्ञान स्पर्श के असर को बहुत मजबूत मानता है। स्पर्श सीधे मन पर असर करता है। इसलिए सिर्फ मित्र ही नहीं बल्कि परिवार के किसी रिश्ते में भी एक सम्मानजनक दूरी जरूर रखें। यदि आपको कभी किसी का स्पर्श गलत लगे तो इसे सबके बीच कहने का साहस रखें। आजकल लड़कियों के साथ कौटुंबकीय अपराध भी बढ़ रहे हैं। इसलिए रिश्ते के संकोच में चुप न रहें।
3. घर से निकलते समय फोन हमेशा चार्ज रखिए। अपने फोन में कुछ आपातकालीन नंबर पास रखिए। स्थिति में घिरे होने पर इन्हें डायल कर दें। इससे आपकी लोकेशन को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा।
4. नशेबाज दोस्तों से दूरी बनाकर रखें और खुद भी नशे से बचें। दुष्कर्म के 85 प्रतिशत मामलों में अपराधियों के शराब पीने की बात सामने आयी है। इसके अलावा पार्टी में लिक्विड ड्रिंक लेने से परहेज करें। यदि लेना भी है तो खुद जाकर लें, किसी दोस्त से नहीं।
5. हमउम्र युवक चाहे वो आपका मित्र हो, सहयोगी हो या रिश्तेदार…उनके साथ किसी भी सुनसान जगह पर जाने से बचें।

6. देर रात तक दोस्तों से चैटिंग आदि करने से बचें। उन्हें सीमा से अधिक मजाक करने की इजाजत न दें। इसके अलावा अश्लील जोक्स या चित्रों को न भेजें और न ही उन्हें भेजने की अनुमति दें। कभी ऐसा कुछ कोई मित्र करे तो कड़ाई से इसका विरोध करें।
7. एक कहावत है, जैसा देश वैसा भेष। ये बिल्कुल सही है, हर किसी को जगह के हिसाब से कपड़े पहनने चाहिए। यदि किसी गांव में आप छोटे कपड़े पहनकर निकलेंगी तो निश्चित तौर पर लोग इसे आधुनिकता के स्थान पर कोई और संज्ञा देंगे क्योंकि उनकी संस्कृति वैसी इजाजत नहीं देती। इसलिए हमेशा अपने पहनावे का चुनाव स्थान के अनुसार करें।
8. अपने पर्स में हमेशा मिर्च पॉउडर या मिर्च स्प्रे रखें। मुसीबत में फंसने पर इनका प्रयोग कर आप बचकर वहां से भाग सकती हैं।

9. कभी भी कहीं बाहर जाएं तो फोन पर बातचीत का नाटक करके हमेशा कुछ ऐसा जताएं कि आपके परिवार में कुछ लोग पुलिस विभाग में या फिर किसी बड़े ओहदे पर हैं।
10. यदि संभव हो तो सेल्फ डिफेंस के गुर सीखें और अपनी आसपास की युवतियों को भी इसके लिए प्रेरित करें। ताकि किसी मुसीबत में फंसने पर उससे बचा जा सके।

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