शहर में ताजियों के जुलूस की शुरुआत फूलों का ताजिया उठने के बाद हुई। इसके बाद सैकड़ों जुलूस निकाले गए। ताजियों को न्यू आगरा करबला, गोबर चौकी करबला और सराय ख्वाजा करबला में दफनाया गया। ढ़ाई हजार से अधिक ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। सबसे खास रहा पाय चौकी से निकाले जाने वाले ऐतिहासिक फूलों के ताजिये का। यहां गुरुवार शाम से ही गुलपोशी का सिलसिला शुरू हो गया। शहर के अन्य हिस्सों से लोग, यहां फूलों के ताजिया पर जियारत करने पहुंचे।
शाहगंज स्थित पुराना इमामबाड़े से अंजुमन ए पंजेतनी की ओर से ताजियों का जुलूस निकला गया। या हुसैन या अली की सदाओं के साथ नौजवानों, बच्चों और बुजुर्गों ने छुरी, कमा और ब्लेड का मातम किया। सराय ख्वाजा कर्बला पर ताजिये दफनाए गये। वहीं मेवा कटरा स्थित खानकाह नियाजिया से मातमी धुन के साथ जुलूस निकाला गया। शुक्रवार को मोहर्रम की 10वीं तारीख को शहरभर के ताजियों को करबलाओं में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।