एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेश्वर लवानिया के नेतृत्व में निर्भय नगर से एकत्र होकर सैकड़ों की संख्या में ठेकेदार दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (डीवीवीएनएल) कार्यालय पहुंचे। भुगतान के वक्त ऐसी कंडीशन लगा दी जाती हैं, जो अनुबंध के वक्त नहीं होती। काम पूरा होने के 2-3 साल बाद जांच कर खामियां निकाल पैमेंट रोका जा रहा है। गुजरात की प्राइवेट कम्पनी इलेक्ट्रिक रिसर्च एंड डवलपमेंट कम्पनी जांच करती है। जिस काम का निरीक्षण डीवीवीएनल के एमडी से लेकर जेई तक किया जाता है, उसमें प्राइवेट कम्पनी का निरीक्षण क्यों? मैन पॉवर सप्लाई के लिए भी प्रोपराइटर वाली छोटी संस्थाओं को अब कॉन्ट्रेक्ट नहीं मिलेगा। लिमिटेड कम्पनी का होना जरूरी है। इससे छोटी-छोटी कम्पनियां बंद हो जाएंगी और कुछ बड़ी कम्पनियों की ही मनमानी चलेगी। कहा कि टेंडर में कम्पनियों के भाग लेने के बाद उसे बिना खोले कैंसिल कर दिया जाता है। 3-3 महीने से भुगतान नहीं हुआ।
एमडी एसके वर्मा से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। एमडी ने ठेकेदारों की समस्याओं के जल्दी नारण का आश्वासन दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से एसोसिएशन के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह, सचिव अखिलेश दुबे, कोषाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी राजेश खंडेलवाल, सत्यपाल सिंह, पप्पू, मुकेश, भोला चौहान, राजू तोमर, रघुवीर सिंह, प्रवीन अग्रवाल, सरताज खान, सिराजुद्दीन, मनोज चौधरी, सईद, पंकज आदि मौजूद थे।