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आगरा में ‘मौत का मॉक ड्रिल’, ऑक्सीजन बंद कर देखा गया कितने मरीज मरने वाले हैं, वीडियो वायरल

पारस अस्पताल के मालिक अरिंजय जैन का वीडियो क्लिप वायरल। मामले में सीएम योगी ने दिए जांच के निर्देश। जिलाधिकारी ने ऑक्सीजन की कमी से 22 की मौत के किया इनकार।

आगराJun 08, 2021 / 12:43 pm

Rahul Chauhan

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आगरा। आगरा (Agra) जिले के एक निजी अस्पताल (paras hospital agra) में ऑक्सीजन मॉक ड्रिल (mock drill) के दौरान मरीजों की मौत का मामला सामने आने के बाद लखनऊ से दिल्ली तक हलचल मच गई। दरअसल, सोशल मीडिया पर अस्पताल के मालिक का एक वीडियो क्लिप वायरल (viral video clip) हो रहा है। जिसमें वह कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से 26 अप्रैल को सिर्फ 5 मिनट के लिए मॉक ड्रिल की थी और ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी गई थी। इस दौरान यह देखने की कोशिश की जा रही थी कि क्या गंभीर मरीज जरूरत पड़ने पर बिना ऑक्सीजन के भी जीवित रह सकते हैं। दावा है कि इसके चलते 22 मरीजों की मौत हो गई। मामला सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन ने जांच बैठा दी है। साथ ही डीएम ने 22 मरीजों की मौत की जानकारी को गलत बताया है।
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बता दें कि आगरा के पारस अस्पताल के मालिक अरिंजय जैन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह क्लिप 28 अप्रैल की बताई जा रही है। इसमें वह कह रहे हैं कि उन्होंने अपने अस्पताल में ऑक्सिजन 5 मिनट के लिए बंद कर एक मॉक ड्रिल की थी। इसके बाद 22 मरीजों की जान चली गई। वह कह रहे हैं कि 5 मिनट की मॉक ड्रिल से 22 मरीज छंट गए और अस्पताल में केवल 74 मरीज ही बचे हैं। इतना ही नहीं 1.5 मिनट की क्लिप में वह कह रहे हैं कि मौजूदा समय में सीएम भी ऑक्सिजन नहीं दिलवा सकते। मोदी नगर पूरी तरह से ड्राई है। मरीजों के परिवारों की काउंसलिंग की गई तो कुछ लोग उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद मॉक ड्रिल शुरू कराई गई। ये सुबह 7 बजे किया गया।
‘कई मरीजों की शरीर पड़ गए नीले’

ऑडियो क्लिप में वह कह रहे हैं कि मॉक ड्रिल इसलिए की गई थी कि गंभीर मरीजों की पहचान की जा सके। किस मरीज को कितनी ऑक्सिजन की जरूरत है, इसकी पहचान की गई। 5 मिनट की कवायद में कई मरीजों के शरीर नीले पड़ गए थे। वहीं मामले में जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने ऑक्सिजन बंद होने की वजह से 22 लोगों की मौत से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि इस अस्पताल में 26 अप्रैल को 4 और 27 अप्रैल 3 मरीजों की मौत हुई थी। हालांकि सरकार ने क्लिप को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ऑक्सिजन की कमी से हालात बिगड़े थे, लेकिन 48 घंटे के भीतर कमी को दूर कर लिया गया था।
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राहुल-प्रियंका ने सरकार पर साधा निशाना

उधर, मामले में विपक्षी नेताओं ने सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी ने ट्विट कर कहा है कि भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है। इस खतरनाक अपराध के जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं हैं। वहीं उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर पीएम मोदी और सीएम योगी पर निशाना साधा है।
अस्पताल के जघन्य अपराध की कड़ी सजा मिलेगी: कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह

उधर, इस मामले में मामले में योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जो अस्पताल ने जघन्य अपराध किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले की जिलाधिकारी और सीएमओ के स्तर से जांच की जा रही है। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं उन्होंने राहुल गांधी के ट्वीट पर तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी को और भी विषय पर ध्यान देना चाहिए। बहुत से राज्य हैं, जिसकी तरफ उनको रुख करना चाहिए। उत्तर प्रदेश अपना काम करना भली-भांति जानता है।
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