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अहमदाबाद

sarcoma: कंधे, घुटने के जोड़ की सर्जरी में 3 डी, पोर्टेबल नेविगेशन सिस्टम बना ‘वरदान’

3D printing technology very useful in sarcoma cancer surgery जीसीआरआई में सरकोमा कैंसर के 50 रोगियों की सफल सर्जरी, समय पर पहचान होने से बचाए जा सकते हैं अंग
 

अहमदाबादAug 06, 2022 / 09:53 pm

nagendra singh rathore

sarcoma: कंधे, घुटने के जोड़ की सर्जरी में 3 डी, पोर्टेबल नेविगेशन सिस्टम बना ‘वरदान’

sarcoma: कंधे, घुटने के जोड़ की सर्जरी में 3 डी, पोर्टेबल नेविगेशन सिस्टम बना ‘वरदान’

Ahmedabad. शरीर की हड्डियों और कोमल ऊतकों में होने वाले कैंसर को सरकोमा कैंसर कहते हैं। सरकोमा मरीजों को कैंसर से निजात दिलाने में 3 डी प्रिंटेड मॉडल और पोर्टेबल नेगिवेशन सिस्टम तकनीक वरदान साबित हो रही है। विशेषरूप से कंधों और घुटनों के जोड़ की सर्जरी में यह काफी प्रभावी है। शहर के असारवा इलाके में मेडिसिटी कैंपस स्थित गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई) के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या ने बताया कि हड्डी व कोमल ऊतकों के कैंसर का उपचार, उसकी सर्जरी करने में कंप्यूटर नेविगेशन टेक्नोलॉजी, 3 डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करने में अस्पताल अग्रसर है। अब तक इनकी मदद से सरकोमा कैंसर के 50 मरीजों की सर्जरी सफलतापूर्वक की जा चुकी हैं। अस्पताल के चिकित्सक कम खर्च में वैश्विक स्तर की उपचार सेवा उपलब्ध कराने को प्रयासरत हैं। जीसीआरआई के ओन्को-ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. अभिजीत सालुंके ने बताया कि सरकोमा कैंसर की समय पर और जल्द पहचान हो जाने की स्थिति में अंगों को बचाया जा सकता है। जागरुकता का अभाव, अज्ञानता, डर एवं सामाजिक समस्याओं के कारण कई मरीज इस कैंसर के स्टेज तीन और चार पर पहुंच जाने पर अस्पताल पहुंचते हैं। ऐसे में उन्हें जटिल उपचार और सर्जरी की जरूरत पड़ती है। जिससे कई बार अंगों को बचाने में सफलता नहीं मिलती है। रोटेशनप्लास्टी सर्जरी की मदद से एक बालक के अंग को बचाया है।

सर्जरी में सटीक परिणाम देने में मददगार
डॉ.सालुंके बताते हैं कि हड्डी और कोमल ऊतकों में कैंसर होने पर उसका उपचार करने में लिक्विड नाइट्रोजन/क्रायोसर्जरी, कंप्यूटर नेविगेशन टेक्नोलॉजी और 3 डी प्रिंटेड मॉडल और इम्प्लांट तकनीक का उपयोग किया जा रहा हैं। इससे मरीज की मुख्य हड्डी को बचाने में मदद मिलती है। इस सर्जरी में हड्डी के कैंसरग्रस्त भाग को काटकर उससे कैंसरग्रस्त हिस्सा (गांठ) दूर किया जाता है। उसे जंतुमुक्त किया जाता है। फिर कस्टमाइज्ड 3 डी प्रिंटेड तकनीक की मदद से उसका मॉडल तैयार कर काटे गए किस्से के अनुरूप मेटल प्लेट तैयार कर उस हड्डी को फिर से जोड़ते हैं। इसमें परंपरागत सर्जरी की तुलना में ज्यादा सटीक परिणाम मिलते हैं। क्योंकि 3 डी मॉडल के जरिए हड्डी का मुख्यरूप और काटे गए हिस्से के बाद के रूप का सही आकार हमें पता चलता है जिससे उसे फिर जोड़ते समय उसी के अनुरूप प्लेट बनाने में मदद मिलती है।

सरकोमा को हराने वाले 35 मरीजों का सम्मान
जुलाई महीने को सरकोमा जागरुकता माह के रूप में मनाया जाता है। जिसके तहत हाल ही में सरकोमा कैंसर को मात देने वाले 35 मरीजों को जीसीआरआई की ओर से सम्मानित किया गया। इन मरीजों ने अपनी आपबीती सुनाई। सर्जरी से पहले और बाद के अनुभव साझा किए।

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