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अहमदाबाद

Ahmedabad National book fair: Social Media के दौर में नहीं छूटना चाहिए पुस्तकों का साथ: Rupani

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अहमदाबादNov 14, 2019 / 11:31 pm

Uday Kumar Patel

Ahmedabad National book fair:  Social Media के दौर में नहीं छूटना चाहिए पुस्तकों का साथ: Rupani

Ahmedabad National book fair: Social Media के दौर में नहीं छूटना चाहिए पुस्तकों का साथ: Rupani

अहमदाबाद. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि पुस्तकें निस्वार्थ भाव से आजीवन मानव की मित्र बनकर रहती हैं। मित्र तो स्वार्थी हो सकते हैं लेकिन पुस्तक हमेशा जीवन जीने की नई प्रेरणा और ऊर्जा देने के साथ ही मानव जीवन को उध्र्वगामी बनाती हैं। उन्होंने कहा कि आज के सोशल मीडिया, ई-बुक्स और इंटरनेट- वेबसाइट के युग में भी पुस्तकों का साथ नहीं छूटना चाहिए।
रूपाणी ने साबरमती रिवरफ्रंट पर आठवें वर्ष अहमदाबाद राष्ट्रीय पुस्तक मेले का शुभारम्भ करवाते हुए कहा कि परमात्मा का पता तो आत्मा और हृदय है, लेकिन संस्कृति का पता पुस्तक हैं। इस पुस्तक मेले के साथ ही पुस्तक परब, कवि सम्मेलनों, साहित्य गोष्ठी से हॉलिस्टिक लिटरेचर फेस्टिवल का लाभ शहर के नागरिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीजी ने रस्किन की पुस्तक से प्रेरणा ली थी और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने गांधीजी की पुस्तक से प्रेरणा हासिल की थी। इस प्रकार पुस्तकें ही मानव की प्रगति के लिए प्रेरक बनती हैं।
जनता के मन के सुख और मन की प्रफुल्लता तथा हेप्पीनैस इंडेक्स बढ़ाने के लिए कॉर्पोरेशन की ओर से कांकरिया कार्निवल के साथ ही पुस्तक परब जैसे संस्कृतिवर्धक उपक्रमों द्वारा नागरिकों के आनन्द में वृद्धि हुई है, जो सराहनीय है। इस अवसर पर रूपाणी ने फ्लॉटिंग लाइब्रेरी का नया नजराना शहर के नागरिकों को भेंट किया। इससे शहर के नागरिक रिवरफ्रंट की आह्लादकता के बीच पुस्तकें पढऩे का आनन्द उठा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि गुजराती के तौर पर हमारी सामान्य छवि लक्ष्मी के आराधकों की है। परंतु लगातार आठवें वर्ष पुस्तक मेले के सफल आयोजन द्वारा अहमदाबाद के नागरिकों ने साबित किया है कि हम सिर्फ लक्ष्मी जी के आराधक ही नहीं हैं बल्कि सरस्वतीजी के उपासक भी हैं।

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