उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की भी संभावना है। ऐसी में तीसरी लहर से निपटने को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। आगामी 2-3 दिनों में तीसरी लहर से निपटने को लेकर विस्तृत रणनीति बनाई जाएगी।
कोरोना के 20 फीसदी मरीजों को ही चिकित्सक की जरूरत टास्क फोर्स टीम के सदस्य डॉ. अतुल पटेल ने कहा कि रेमडेसिविर लाइफ सेविंग दवा नहीं है। आवश्यकता के बगैर रेमडेसिविर इंजेक्शन लागना उचित नहीं है। गंभीर मरीजों को ही वेन्टीलेटर की आवश्यकता होती है। रेमडेसिविर से अस्पताल में होने वाला खर्च घटाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि लोगों के मस्तिष्क से कोरोना का डर निकालना जरूरी है। कोरोना संक्रमण के सिर्फ 20 फीसदी मरीजों को ही चिकित्सकों के उपचार की आवश्यकता होती है।