एलसीबी के अनुसार इस फर्जी कॉल सेंटर को मेमनगर निवासी विकी प्रजापति, सेटेलाइट प्रेरणातीर्थ देरासर के पास रहने वाला भावेश ठक्कर चला रहे थे। यही दोनों इस फर्जी कॉल सेंटर के मुख्य सूत्रधार हैं। ये दोनों भी पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपी बीते करीब चार महीने से इस जगह पर फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। इन दोनों ही की इसमें हिस्सेदारी है। इन्होंने किराए पर शेड को लिया था। नौकरी पर अन्य लोगों को रखा था।
प्राथमिक जांच में सामने आया कि आरोपी ऐसे लोगों को फोन करते थे, जिन्होंने अमरीका की बैंकों से लोन लिया होता है और उसके हफ्ते की भरपाई नहीं की होती है। ऐसे लोगों को आरोपी बैंक कर्मचारी व एजेंसी के कर्मचारी बनकर फोन करते। उन्हें हफ्ते की भरपाई नहीं करने पर उनके बैंक एकाउंट के बंद होने और पुलिस केस करने की धमकी देते थे। इससे बचने के लिए समाधान के नाम पर कुछ राशि अलग अलग गिफ्ट कार्ड के रूप में मंगवाते थे। फिर उस गिफ्ट कार्ड की प्रोसेस कराते और उसकी राशि को आंगडिया के जरिए प्राप्त करते थे। ऐसा करके आरोपियों ने अब तक कई अमरीकी लोगों को चपत लगाई है।