पंजाब से घास मंगाने का गुजरात सरकार का निर्णय फिलहाल स्थगित
-अकालगस्त इलाकों में पशुचारे के उपयोग के लिए लिया था निर्णय
पंजाब से घास मंगाने का गुजरात सरकार का निर्णय फिलहाल स्थगित
गांधीनगर. गुजरात सरकार ने पंजाब से चारा-घास मंगाने के किसी भी निर्णय को फिलहाल स्थगित रखा है। राज्य के राजस्व मंत्री कौशिक पटेल ने यह जानकारी दी।
अकाल राहत सेे जुड़ी उपसमिति की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि घास को लेकर गुणवत्ता से जुड़ा मुद्दा था। इसलिए कम बारिश वाले स्थलों पर घास को पशु चारे के रूप में उपयोग के लिए पंजाब से घास लाने का निर्णय फिलहाल स्थगित रखा है।
राज्य सरकार ने गुजरात के कम बारिश वाले स्थलों पर उपयोग के लिए पंजाब से चारा मंगाने का निर्णय लिया था। इसकी संभावना तलाशने के लिए राज्य के मंत्री वासण आहिर की अध्यक्षता में एक टीम पंजाब गई थी। टीम ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जिसके बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया।
राज्य सरकार ने कम बारिश होने के कारण अकालग्रस्त इलाकों में 12 करोड़ किलोग्राम के चारे/घास की आवश्यकता समझी थी। इस पर राज्य सरकार ने 5 करोड़ किलो घास-चारे की व्यवस्था की और 7 करोड़ किलोग्राम की आवश्यकता महसूस की गई थी जिसके लिए पंजाब से घास-चारा मंगाने का विकल्प तलाशा गया था।
बताया जाता है कि पंजाब के किसान अपने पशुओं के लिए बासमती चावल की फसल वाले अच्छी गुणवत्ता के धान की घास का उपयोग करते हैं वहीं अन्य उपलब्ध धान की घास खराब होती है। इसलिए इस बात की आशंका जताई जा रही है कि इन घास के उपयोग से गुजरात के पशुओं को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
उधर राजस्व मंत्री के अनुसार केन्द्र की अंतर मंत्रालयी टीम ने राज्य के अकालगस्त इलाकों का दौरा किया और टीम राज्य सरकार के कार्यों से संतुष्ट दिखी। इस टीम ने गत 14 से 17 दिसम्बर तक अलग-अलग टीम बनाकर कच्छ, बनासकांठा, मोरबी, पाटण और सुरेन्द्रनगर जिलाों का दौरा किया। इसके बाद घास डिपो, गौशाला, बांधों में पानी की स्थिति, फसल की स्थिति और पीने के पानी के वितरण सहित राहत से जुड़े मुद्दों को लेकर राज्य के मुख्य सचिव के साथ समीक्षा बैठक की।