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Ahmedabad News: गुजरात में फिर बदले नए माध्यमिक की मंजूरी के नियम, जानिए क्या हैं नए प्रावधान…

Gujarat, New High school, Rules, Ground, parking, building, rented अब किराए का मैदान होने पर भी मिलेगी स्कूल की मंजूरी, शहर और ग्रामीण क्षेत्र में मैदान की जगह भी की कम, पहले मालिकी थी जरूरी

अहमदाबादOct 04, 2019 / 09:35 pm

nagendra singh rathore

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Ahmedabad News: गुजरात में फिर बदले नए माध्यमिक की मंजूरी के नियम, जानिए क्या हैं नए प्रावधान…

अहमदाबाद. गुजरात में अब फिर से किराए का मैदान होने की स्थिति में ट्रस्ट को माध्यमिक स्कूल शुरू करने की मंजूूरी दी जा सकेगी। गुजरात के शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष सितंबर २०१८ में किए गए नियमों के बदलाव में एक वर्ष के भीतर फिर संशोधित किया है।
शिक्षा विभाग की ओर से गत १६ सितंबर को जारी किए गए नए नियमों के तहत अब नई माध्यमिक स्कूल शुरू करने के लिए संचालक मंडल या ट्रस्ट के पास स्कूल की इमारत से संलग्न मैदान अगर 15 वर्ष के किराए पर लिया होगा तो भी उसे मंजूरी दी जा सकेगी। स्कूल की इमारत, पार्किंग की जगह, रास्ते की मार्जिनको छोड़कर खेलकूद के मैदान के लिए शहरों में 80० वर्ग मीटर क्षेत्र का होना जरूरी है। वहीं ग्रामीण इलाके में १५00 वर्ग मीटर का मैदान होने पर माध्यमिक स्कूल की मंजूरी दी जा सकेगी। इसके लिए ट्रस्ट को किराए का रजिस्टर करार करना होगा। इसका उल्लेख गांव के दफ्तरी नमूने, सिटी सर्वे के रिकॉर्ड, 7/१२ के उतारे और ८/ए में होना जरूरी है। ताकि जमीन को किराए पर लेने वाले ट्रस्ट का नाम राजस्व रिकॉर्ड में हो। असकी एंट्री में स्पष्ट उल्लेख भी होना जरूरी है कि किराए की शर्तों का पालन होने पर ही किराए में दी गई संपत्ति के अधिकार में कोई बदलाव होगा। चेरिटी कमिश्नर की मंजूरी और जीएसईबी की मंजूरी के सिवाय किराए के करार के समय के दौरान मैदान का कोई भी अन्य उपयोग नहीं हो सकेगा। स्कूल मंजूरी के शपथपत्र में इसका स्पष्ट उल्लेख करना होगा। उल्लंघन होने की स्थिति में स्कूल की मंजूरी स्वत: रद्द मानी जाएगी।
इससे पहले 28 सितंबर २०१८ से लागू नियमों के तहत नई माध्यमिक स्कूल शुरू करने के लिए ट्रस्ट के पास खुद की मालिकी का मकान, ट्रस्ट या स्कूल की मालिकी का शहरी क्षेत्र में स्कूल की इमारत के अलावा उसी परिसर में 1200 वर्ग मीटर का खुला मैदान और ग्रामीण इलाके में स्कूल की इमारत के अलावा 2000 वर्ग मीटर का खुला मैदान जरूरी था।
इस नियम के तहत इस वर्ष २०१९ में नई स्कूलों की मंजूरी लेने के प्रति काफी रूखा रवैया रहा। उधर गुजरात राज्य शाला संचालक महामंडल की ओर से भी वर्ष २०१८ में लागू किए गए नियमों का विरोध किया गया था। जीएसईबी की सभा में भी बोर्ड सदस्यों ने विरोध जताया था। इसे देखते हुए गुजरात सरकार ने अक्टूबर 2019 से फिर से नियमों में बदलाव करते हुए मैदान मालिकी का नहीं बल्कि किराए का होगा तो भी मंजूरी देने का प्रावधान किया है।
सीएसआर के तहत पब्लिक, प्राइवेट कंपनी किराए के मकान, मैदान पर शुरू कर सकेंगे स्कूल

शिक्षा विभाग ने पब्लिक लिमिटेड कंपनी एवं प्राइवेट लिमिटेड कंपनी यदि अपनी कारपोरेट सामाजिक जिम्मेवारी (सीएसआर) के तहत शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए स्कूल की मंजूरी मांगती है तो उसे किराए के मकान और किराए के मदैन में भी विशेष मामला मानते हुए मंजूरी दी जा सकेगी। इससे पहले पब्लिक और प्राइवेट कंपनी के लिए सीएसआर में भी मालिकी का मकान और मैदान होना जरूरी था।

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