अबीर-गुलाल उड़ाते हुए लोग प्रतिमाओं को पण्डालों तक ले गए और शुभ मुहूर्त में उत्सव का प्रारंभ किया गया। चारों ओर गणेश के उद्घोषों से वातावरण भक्तिमय बना रहा। जगह-जगह ट्रक, लोडिंग रिक्शा एवं ऊंटलारियों में गणेश की प्रतिमाओं को ले जाते लोग ‘गणपति बप्पा मोरयाÓ के उदघोष से माहौल को गुंजायमान कर रहे थे।
सुबह से लेकर देर शाम तक लगभग सभी स्थलों और पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की गई। रात को गणेश की आरती सहित अनेक धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन सिलसिला शुरू हो गया जो 12 सितंबर तक चलेगा। दूसरी ओर गणेश मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ देखने को मिली।