अहमदाबाद

Ahmedabad news: startup अब सोसायटी के किराणा स्टोर वाले के भी बहुरेंगे दिन

Gujarat, Startup, innovation, student, education, kiranawala, दस लाख की नौकरी छोड़ श्रेयस ओसवाल ने शुरू किया स्टार्टअप, गुजरात सरकार ने भी आर्थिक मदद

अहमदाबादSep 20, 2019 / 10:38 pm

nagendra singh rathore

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नगेन्द्र सिंह
अहमदाबाद. तकनीक और कोर्पोरेट जगत की कंपनियों के बाजार में तेजी से पैर पसारने के चलते अस्तित्व की लड़ाई से जूझ रहे सोसायटी के नाके किराणा स्टोर चलाने वालों के भी दिन बहुरेंगे। वे भी अब तकनीक के जरिए अपने ग्राहकों को बेहतर और उनकी जरूरत के अनुरूप गुणवत्ता वाला उत्पाद उपलब्ध करा सकेंगे।
ऐसा इसलिए है क्योंकि स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारियों को तकनीक एवं डाटा एनालिसिस से जुड़ी सर्विस देने से जुड़ा एक स्टार्टअप 22 वर्षीय श्रेयस ओसवाल ने शुरू किया है। एआईएम टेक्नोलॉजी नाम के इस स्टार्टअप की खाशियत ये है कि यह artificial intelligenceआर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) एवं मशीन लर्निंग अल्गोरिदम आधारित है।
इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी रिसर्च एंड मैनेजमेंट (आईआईटी-राम) से बीई (मैकेनिकल) करने वाले श्रेयस बताते हैं कि रिटेल बाजार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने, मॉल खुलने और विभिन्न मोबाइल एप्लीकेशन आने के चलते छोटे-छोटे किराणा स्टोर चलाने वालों की आय प्रभावित हुई है। क्योंकि उनके पास ना तो तकनीक है और ना ही उतना पैसा कि वे बाजार में इन ब्रांड की टक्कर में अपनी विशेष पहचान बना सकें।
उनका Startup स्टार्टअप किराणा स्टोर संचालकों के लिए मददरूब साबित होगा। क्योंकि वे न सिर्फ स्टोर की हजारों वस्तुओं के डाटा को डिजिटल करेंगे, बल्कि बिक्री के आधार पर प्रत्येक ग्राहक की पसंद को बताएंगे। एनालिसिस करके यह भी बताते हैं कि कौन सा माल उन्हें नहीं रखना चाहिए, जिससे निवेश कम हो। प्रत्येक ग्राहक की पसंद और उसकी जररूत के अनुरूप जो वस्तु स्टोर में उपलब्ध होगी उसकी जानकारी भी उसे भेजेंगे। इससे स्टोर के प्रति ग्राहक का विश्वास बढ़ेगा। मुनाफा भी बढ़ेगा। वे भी बड़ी कंपनियों जैसी सेवाएं बहुत कम खर्च में पा सकेंगे। उनके पास फिलहाल 20 ग्राहक हैं।
10 लाख रुपए की नौकरी छोड़कर स्टार्टअप शुरू करने वाले श्रेयस के साथ फिलहाल दस लोग जुड़े हैं। गुजरात सरकार ने स्टूडेंट एंड स्टार्टअप इनोवेशन पॉलिसी के तहत श्रेयस को डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक मदद दी है। ऑफिस के लिए एल.डी. इंजीनियरिंग कॉलेज कार्यालय में जगह दी है।
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