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अहमदाबाद

कोई राजनीतिक नहीं बल्कि शिक्षा-विद्यार्थियों के हित में विधेयक : मंत्री

गोकुल ग्लोबल विवि की स्थापना को लेकर विधेयक पारित

अहमदाबादFeb 27, 2018 / 11:54 pm

Uday Kumar Patel

No Poliitical reason for Private university bill, says Minister
गांधीनगर. शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चुडास्मा ने कहा कि गुजरात निजी विश्वविद्यालय (संशोधन विधेयक) के तहत गोकुल ग्लोबल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पेश किया गया विधेयक किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं बल्कि शिक्षा व विद्यार्थियों के हित में लाया गया है। मंगलवार को इस विधेयक को बहुमत से पारित कर दिया गया है।
इस विधेयक पर चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री ने कांग्रेस विधायकों की ओर से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वास्तविकता यह है कि 25 जुलाई 20111 को गोकुल फाउंडेशन की कॉलेज के कैम्पस का उदघाटन समारोह आयोजित किया गया था। इस समारोह में तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री विलासराव देशमुख और अहमद पटेल उपस्थित थे। तब देशमुख ने अपने संबोधन में यहां पर विवि स्थापित किए जाने की सलाह दी थी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तो विवि की स्थापना के लिए सभी मापदंड और जरूरत पूरी होने के कारण परिस्थितियों को ध्यान में रखकर गोकुल ग्लोबल विवि की स्थापना के लिए विधेयक लाने का निर्णय लिया है। इसमें राज्य सरकार का कोई राजनीतिक या कोई राजनीतिक वचन पूरा करने का आशय नहीं है।
मंत्री के मुताबिक उत्तर गुजरात में पहले खेरवा में गणपत विवि, इसके बाद विसनगर में साकळचंद पटे विवि और अब जरूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद गोकुल ग्लोबल विवि स्थापित होगी। पाटण जिला व बनासकांठा जिले में कृषि विवि के अलावा कोई भी विवि नहीं था, इसलिए यहां पर विवि की जरूरत थी। गोकुल विवि के तहत 9 कॉलेज कार्यरत हैं। इसमें डिग्री इंजीनियरिंग, डिप्लोमा, फीजियोथेरेपी, कानून, इंटिग्रेटेड लॉ, विज्ञान, कॉमर्स, नर्सिंग व आर्किटेक्चर शामिल हैं।

विशेष व्यक्ति को बचाने के लिए लाया विधेयक
ऊंझा से कांग्रेस विधायक डॉ आशाबेन पटेल ने कहा कि क्या भाजपा सरकार इस गैर उत्पादक खर्च मान रही है। पारूल विवि में कई घटनाएं घटीं, लेकिन एक भी निजी विवि के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। राज्य सरकार को शिक्षा की चिंता नहीं है बल्कि कुछ विशेष व्यक्ति को बचाने के लिए यह विधेयक लाया गया है।
राज्य सरकार अब तक एक भी ऑक्सफार्ड, कैम्ब्रिज या हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय सरीखे विश्व स्तरीय विवि नहीं स्थापित कर सकी है। राज्य का एक भी विवि शीर्ष विवि में शामिल नहीं है।
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