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अहमदाबाद

बहुचराजी माता को पुलिसकर्मी देते हैं गार्ड ऑफ ऑनर

नवरात्र विशेष

अहमदाबादOct 24, 2020 / 11:20 pm

Rajesh Bhatnagar

बहुचराजी माता को पुलिसकर्मी देते हैं गार्ड ऑफ ऑनर

बहुचराजी माता को पुलिसकर्मी देते हैं गार्ड ऑफ ऑनर

महेसाणा. एक ऐसी माताजी हैं जिन्हें पुलिसकर्मियों की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। महेसाणा जिले में बेचराजी स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ बहुचराजी माता का मंदिर भक्तों की आस्था व श्रद्धा का केन्द्र है।
बहुचराजी माताजी टेम्पल ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार नवरात्र में अष्टमी पर शाम को माताजी की पालखी यात्रा निकाली जाती है। उस समय मंदिर परिसर में पुलिसकर्मी गार्ड ऑफ ऑनर देते हैं। उसके बाद गांव में माताजी की पालखी यात्रा निकाली जाती है। मंदिर में रखी माताजी की मूर्तियों को पालखी में विराजमान किया जाता है।
रेलवे स्टेशन पहुंचने पर गांव के व्यापारियों की ओर से पालखी यात्रा की पूजा की जाती है। उसके बाद पालखी यात्रा निज मंदिर लौटती है। उस समय भी मंदिर परिसर में पुलिसकर्मियों की ओर से पालखी यात्रा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। मान्यता है कि जो लोग मंदिर नहीं जा सकते, उन्हें दर्शन ेदेने के लिए माताजी स्वयं गांव में निकलती हैं।
इस वर्ष पालखी यात्रा नहीं

गायकवाड़ सरकार के समय से चल रही परंपरा के अनुसार नवरात्र में अष्टमी के बाद दशहरे पर भी पालखी यात्रा निकाली जाती है। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण दोनों ही दिन पालखी यात्रा नहीं निकालने का निर्णय किया गया है। इसके अलावा प्रत्येक महीने की पूर्णिमा पर भी पुलिसकर्मियों की ओर से बहुचराजी माता को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है।
नवलखा हार है प्रसिद्ध

बहुचराजी माता मंदिर की दूसरी विशिष्टतता व परंपरा माताजी के नवलखा हार की है। सात नीलम व अनेक हीरों से जडि़त नवलखा हार से माताजी का श्रृंगार किया जाता है। नवरात्र के बाद दशहरे पर निकाली जाने वाली पालखी यात्रा में माताजी को नवलखा हार पहनाया जाता है। इस हार की वर्तमान कीमत करीब 500 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। हार में हरे रंग का नीलम और अनेकों हीरे जड़े हैं।
गायकवाड़ सरकार की ओर से दिया गया हार

वर्षों पहले गायकवाड़ सरकार की ओर से यह नवलखा हार दिया गया था। उस समय से दशहरे पर निकलने वाली पालखी यात्रा में परंपरानुसार बहुचराजी माता को नवलखा हार पहनाया जाता है। हालांकि इस वर्ष पालखी यात्रा नहीं निकाली जा रही, लेकिन मंदिर परिसर में आसोज सुद छठ पर गुरुवार सवेरे शुरू हुआ शतचंडी यज्ञ आसोज सुद अष्टमी पर शनिवार शाम को पूर्ण हुआ।
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