सीएम रूपाणी ने यह भी स्पष्ट किया कि शनिवार सुबह जो 10 हजार इंजेशन सूरत के किरण हॉस्पिटल को भेजे गए हैं। वे इंजेशन भी राज्य सरकार ने अस्पाल को नहीं दिए हैं। बल्कि अस्पताल की गुहार पर लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सिर्फ इसे असम के गुवाहाटी से सूरत पहुंचाने के लिए एयरलिफ्ट की व्यवस्था की है। ये हॉस्पिटल के इंजेशन हैं। इसे सरकार ने नहीं दिए हैं। सरकार ने सूरत कलटर को शुक्रवार देर रात ढाई हजार इंजेशन दिए हैं। बीते एक सप्ताह में 88 हजार रेमडेसिविर इंजेशन भेजे हैं। तीन लाख का ऑर्डर भी दे दिया गया है।
इंजेशन वितरित कर रहे हैं।
रेमडेसिविर इंजेशन के नि:शुल्क वितरण करने की घोषणा पर राज्य के फूड एंड ड्रग्स आयुक्त ने जांच के
आदेश दिए हैं। जांच सूरत फुड एंड ड्रग्स कंट्रोल विभाग को सौंपी गई है। राजनीतिक पार्टी के पास से इंजेशन का जत्था कहां से आया विभाग इसकी जांच करेगा। गौरतलब है कि भाजपा कार्यालय से नि:शुल्क इंजेशन वितरण शुरू करने को लेकर सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है।
उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल ने रेमेडेसिविर इंजेशन को लेकर कहा कि सूरत के उनके कई दोस्तों ने ये इंजेशन खरीदे हैं। भाजपा ने अपने तरीके से इंजेशन की व्यवस्था की है। इंजेशन हासिल करने में राज्य सरकार से कोई मदद नहीं ली है।