गुजरात सरकार के वर्ष 2024-25 के वित्तीय बजट में वित्त मंत्री कनू देसाई ने गृह विभाग को 10378 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जो गत वर्ष के 8574 करोड़ की तुलना में 1805 करोड़ यानि 21 फीसदी अधिक है। वित्तमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य के ऐसे 200 आउट पोस्ट जहां पर अपराध की दर ज्यादा है, उन्हें अपग्रेड करते हुए पीएसआई स्तर का बनाया जाएगा। इसके लिए 400 नए पद सृजित किए जाएंगे, जिसके लिए 18 करोड़ का प्रावधान किया है।
अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट शहर के बढ़ रहे दायरे और बढ़ते वाहनों की संख्या व ट्रैफिक को देखते हुए यातायात के बेहतर प्रबंधन के लिए इन चारों शहरों में ट्रैफिक पुलिस में एक हजार नए पद सृजित किए जाएंगे। इसके लिए 57 करोड़ का प्रावधान किया है। शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से जुड़ी विस्वास परियोजना के लिए 120 करोड़ का प्रावधान किया गया है। पुलिस विभाग के आवास व अन्य भवनों के सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन हेतु 115 करोड़ का प्रावधान किया है।
साइबर व वित्तीय अपराध से निपटने को त्रिशूल योजना
ऑनलाइन वित्तीय अपराध, साइबर क्राइम को बढ़ते देख उसे हल करने के लिए गुजरात सरकार ने त्रिशूल योजना की घोषणा की है। इसके तहत साइबर अपराध हल करने के लिए जरूरी साधन, ढांचागत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। स्टेट साइबर क्राइम सेल में इसके लिए नया पद सृजित किया जाएगा।
अब 112 डायल करने पर पुलिस, फायर सहित इमर्जेंसी मदद
गुजरात सरकार ने इस साल के बजट में हेल्पलाइन नंबर 112 को मजबूत बनाने की घोषणा की है। इसके लिए 94 करोड़ आवंटित किए हैं। राज्य में लोगों को पुलिस, फायर ब्रिगेड सहित अन्य इमर्जेंसी सेवा के लिए अलग-अलग नंबर डायल करने की जरूरत नहीं है, 112 डायल करने पर उन्हें संबंधित सेवा उपलब्ध हो जाएगी। सरकार ने इस केन्द्रीय हेल्पलाइन नंबर सेवा को जनरक्षक योजना नाम दिया है। शहरी क्षेत्रों में 10 मिनट में और ग्रामीण क्षेत्र में 30 मिनट के अंदर पुलिस कॉल करने वाले व्यक्ति के पास घटनास्थल पर होगी। इसके लिए गुजरात पुलिस को 1100 जनरक्षक वाहन प्रदान किए जाएंगे।