जानकारी के अनुसार जिले में अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह से लेकर १५ नवम्बर तक तीन बार बेमौसमी बारिश के कारण मूंगफली व कपास सहित फसलों को नुकसान हुआ है।फसल बीमा व मुआवजा लेने के लिए जिले के ६४ हजार से अधिक किसानों ने आवेदन किए हैं। ऐसे में जिला पंचायत खेतीवाड़ी विभाग की ओर से शनिवार से सर्वे का कार्य शुरू किया गया है।
सर्वे के लिए बनाई गई ४२ टीमों में ग्रामसेवक, पटवारी सहसचिव, बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि व गांव के वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। सर्वे शुरू हो चुका है, लेकिन पूरा कब तक होगा, इस संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं है।
एक टीम रोजाना दो गांवों में सर्वे करेगी जामनगर जिला खेतीवाड़ी अधिकारी एच. वी. गोसाई के अनुसार जिले में बेमौसमी बारिश के कारण फसल नुकसान के सर्वे के लिए ६४१२८ आवेदन मिले हैं। प्रभावित ३९० गांवों में सर्वे के लिए ४२ टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम रोजाना दो-दो गांवों में सर्वे करेगी। राज्य सरकार की ओर से बारिश आधारित राहत पैकेज की घोषणा की गई है, ऐसे में सर्वे कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा।
नौ दिन पूर्व किया आवेदन वरणा निवासी किसान का कहना है कि उन्होंने फसल बीमा के लिए नौ दिन पूर्व आवेदन किया है, लेकिन अभी तक कोई सर्वे नहीं हुआ। ऐसे में मुआवजा एवं बीमा की राशि का इंतजार कर रहे हैं।
सर्वे उचित रूप से नहीं हुआ उधर, मूलिया निवासी किसान ने आरोप लगाया है कि बेमौसमी बारिश के कारण उनके खेत में ज्यादातर कपास खराब हो गई थी। इसके कारण सर्वे के लिए आवेदन किया तो सर्वे टीम आई थी। लेकिन कपास की फसल में ५० प्रतिशत नुकसान होने के बावजूद सर्वे में ३० फीसदी नुकसान दर्शाया गया है। ऐसे में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।