यह कार्य छीने जांएगे न्यायिक कार्य के अलावा वर्तमान में राजस्व मंडल तहसीलदार, नायब तहसीलदारो के तबादले, डीपीसी, विभागीय जांच का काम करता है। पटवारी, गिरदावरों के तबादले व डीपीसी, विभागीय परीक्षा का कार्य करता है। राजस्व महकमे से जुड़े एलडीसी से लेकर कार्यायल अधीक्षक तक के अन्तर जिला तबादले भी राजस्व मंडल ही करता है। सभी जिलों को बजट का आवंटन, सिंचाई कर की वसूली, भू राजस्व की वसूली, लगान आदि की वसूली कार्य भी राजस्व मंडल के जिम्मे हैं। तहसीलों का मॉर्डनाईजेशन, रिकॉर्ड डिजिटल करना, फसल गिरदावरी, फसल बीमा, पशु गणना भी राजस्व मंडल करता है। अब यह सभी कार्य राजस्व आयुक्तालय को दिए जा सकते हैं।
यह बताया जा रहा कारण वर्तमान में राज्य में राजस्व प्रशासन एंव राजस्व न्यायालय प्रकरणों के पर्यवेक्षण का कार्य राजस्व मंडल द्वारा किया जाता है। राजस्व मंडल पर प्रशासनिक कार्यों का अत्यधिक कार्यभार होने से राजस्व न्यायालयों के पर्यवेक्षण का कार्य अपेक्षित रूप से नहीं हो पा रहा है। राजस्व मंडल की सर्किट बेंच संभागों पर राजस्व मुकदमों की सुनवाई करती है। मंडल सदस्य जिलों की राजस्व अदालतों का निरीक्षण भी करते हैं। राजस्व मंडल को केवल न्यायिक कार्य वर्तमान में राजस्थान राज्य में राजस्व विभाग के अधीन राजस्व मंडल गठित है। राजस्व मंडल का मुख्य उद्देश्य राजस्व से सम्बन्धित प्रशासनिक एवं न्यायिक प्रकरणों का निस्तारण करना है। अभी तक राजस्व मंडल ही चीफ कंट्रोलिंग रेवन्यू अथॉरिटी के रूप में काम कर रहा है। राजस्व आयुक्तालय के गठन के बाद राजस्व मंडल से प्रशासनिक कार्य ले लिए जाएंगे। राजस्व मंडल केवल राजस्व न्यायालय प्रकरणों के पर्यवेक्षण का कार्य ही करेगा।
यह होंगे बैठक में शामिल राजस्व आयुक्तालय के गठन के लिए बुधवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंगि के जरिए बैठक होगी। बैठक में अध्यक्ष राजस्व मंडल, प्रमुख शासन सचिव वित्त, प्रमुख शासन सचिव राजस्व, राजस्व मंडल के रजिस्ट्रार तथा अजमेर, भरतपुर, जयपुर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर तथा उदयपुर के जिला कलक्टर शामिल होंगे। संयुक्त शासन (ग्रुप-1) राजस्व विभाग के अनुसार बैठक में राजस्व आयुक्तालय के गठन पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
लगातार होता रहा विखंडन अजमेर से राजधानी का दर्जा छीने जाने की एवज में राव कमेटी की शिफारिश पर राजस्व मंडल अजमेर को मिला था। गठन के कई वर्षो बाद से इसका विखंडन शुरु हो गया। मंडल से छीनकर कई अधिनियों की सुनवाई का अधिकार राजस्व कर बोर्ड को दे दिया गया। बाद में सर्किट बेंच भेजी जाने लगी। पटवारी भर्ती व प्रशिक्षण का कार्य राजस्व मंडल से छीन कर राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग को दे दिया गया।
घूसकांड से मची खलबली करीब दो माह पूर्व राजस्व मंडल में सदस्यों द्वारा दलालों के जरिए लाखों रुपए लेकर फैसले करने के घूसकांड का भंडाफोड़ कर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने खलबली मचा दी है। दो सदस्यों व दलाल को गिरफ्तार किया गया। लाखों रुपए नकद, आभूषण व अन्य बरामद किए गए। दर्ज की गई एफआईआर में एक अन्य सदस्य सहित अन्य वकीलों तथा दलालों का ब्यौरा भी दर्ज किया गया है। बड़े पैमाने पर घूसकांड का खुलासा होने के बाद से ही राजस्व मंडल में सफाई अभियान के कयास लगाए जा रहे थे। राजस्व आयुक्तालय के गठन को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।
इनका कहना है नया इश्यू है, अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। सरकार के स्तर पर निर्णय होना है। कल इस विषय पर बैठक होगी।
बी.एल.मीणा, रजिस्ट्रार राजस्व मंडल अजमेर read more: खरबो रुपए खर्च करने के बाद राज्य के 709 गांव बिजली अभी भी दूर,’नहीं मिली अंधेरे से आजादीÓ