चंद्र प्रकाश जोशी
राजस्थान में भाजपा की नई सरकार में अजमेर का प्रतिनिधित्व भी इस बार मजबूत है। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र से विधायक वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष बने हैं। पूरे सदन के संचालन का जिमा उन पर है। वहीं पुष्कर विधायक सुरेश रावत केबिनेट मंत्री के रूप में सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अब अजमेर में भी विकास की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
पिछली सरकारों में भी अजमेर का प्रतिनिधित्व रहा, लेकिन कोई विशेष सौगात अजमेर को नहीं मिल पाई। नतीजतन अजमेर कोटा, उदयपुर, जयपुर और जोधपुर से विकास, शैक्षिक संस्थान, तकनीकी संस्थान एवं मेडिकल संस्थानों में काफी पिछड़ा हुआ है। अजमेर को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के साथ देश में भी पहचान मिले इसके लिए सरकार में भूमिका निभाने वाले जनप्रतिनिधियों को इस बार एक-एक कर बड़े संस्थान एवं ढांचागत विकास करवाने की जरूरत है। उधर, केन्द्र में भी पिछली सरकार में केबिनेट मंत्री के रूप में भूपेन्द्र यादव ने बड़ी भूमिका निभाई। सांसद के रूप में भी भागीरथ चौधरी रहे हैं।
अजमेर को मिले ये सौगात
यहां इन्होंने निभाई बड़ी भूमिका
कोटा में शांतिलाल धारीवाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, जोधपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उदयपुर में हरिदेव जोशी, मोहनलाल सुखाड़िया आदि ने विकास करवाए। भीलवाड़ा में शिवचरण माथुर की विकास में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जयपुर के विकास में भाजपा-कांग्रेस की दोनों सरकारों ने विकास करवाए।
अजमेर में विकास की जरूरत
इसलिए भी जरूरी
अजमेर संभाग मुख्यालय है। अब नए जिलों के गठन के बाद प्रशासनिक कुनबा भी बढ़ा है। अजमेर के साथ ब्यावर, केकड़ी, शाहपुरा, डीडवाना-कुचामन, नागौर, टोंक जिला इसमें शामिल है। ऐसे में संभाग मुख्यालय का विकास भी अपेक्षित होना चाहिए।
Updated on:
30 May 2024 02:32 pm
Published on:
30 May 2024 02:03 pm