पृथ्वीराज नगर में लैंड फॉर लैंड के 48 मामले लम्बित हैं। इन मामलों के निस्तारण के लिए 23 अगस्त 2017 तथा 19 सितम्बर 2017 को बैठक हुई लेकिन निस्तारण नहीं हो सका। इसके बाद बैठक का आयोजन ही नहीं हुआ। जबकि डीडी पुरम के लैंड फॉर लैंड के 119 प्रकरणों के निस्तारण के लिए 2 व 18 अगस्त 2017 तथा 19 अक्टूबर 2017 को बैठक हुई जो बेनतीजा रही।
खुल सकते हैं कमाई के रास्ते
प्राधिकरण योजनाओं के लैंड फॉर लैंड प्रकरणों का निस्तारण होने पर इन योजनाओं के 90 फीसदी विवादों को हल किया जा सकता है। इन योजनाओं में 50 फीसदी आवंटियों को कब्जा दिया जा सकेगा। शेष जमीन नीलाम कर प्राधिकरण करोड़ों की कमाई कर सकता है। लीज डीड जारी करने व नामांतरण से भी कमाई होगी।
पृथ्वरीराज नगर: योजना क्षेत्र में खेती, अवैध कब्जे
वर्ष 2005 में माकड़वाली, चौरसियावास व आसपास के गांवों की 1100 बीघा भूमि अवाप्त करने के बाद 2007 में 1100 प्लॉट की योजना लांॅंच की गई थी। इसके 60 फीसदी खातेदारों को भूमि के बदले भूमि दी जा चुकी है। 40 फीसदी को अभी भी इंतजार है और मुआवजा भी नहीं मिला। योजना क्षेत्र में कई जगहों पर खेती हो रही है। माकड़वाली रोड से लगती योजना की भूमि में कब्जा कर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इस योजना के 142 आवंटियों को प्राधिकरण अब तक कब्जा नहीं दे सका है।
डीडी पुरम: 50 फीसदी खातेदार वंचित, 4 ब्लॉक में विवाद
इस योजना के लिए 2009 में 2300 बीघा भूमि अवाप्त करने के बाद 4000 से अधिक भूखंड के साथ वर्ष 2012 में योजना लांच की गर्ई। इसमें 1600 बीघा सरकारी व 800 बीघा खातेदारी भूमि है। 50 फीसदी से अधिक खातेदारों को भूमि के बदले भूमि नहीं मिली। इसके चलते इस योजना के 4 ब्लॉक में विवाद चल रहा है। खातेदार खेती करने के साथ ही लीज मुक्ति की भी मांग कर रहे हैं। योजना के ए, बी व सी ब्लॉक में खातेदार खेती कर रहे हैं।