जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में जन्माष्टमी पर्व के अवकाश के चलते सुबह 10.30 बजे से ही एक्स-रे कक्षों के बाहर मरीजों की कतार लग गई। केकड़ी निवासी भूरी देवी अस्पताल में भर्ती है। चिकित्सक ने सीटी स्कैन, एक्स-रे सहित अन्य जांच के लिए मरीज को परिजन के साथ नीचे भेज दिया। मगर रेडियोग्राफी विभाग के एक्स-रे कमरे के बाहर करीब डेढ़ घंटे तक स्टे्रचर पर मरीज को लेटाए रखा। बाद में परिजन एवं मीडिया के हस्तक्षेप के बाद गंभीर पीडि़ता के एक्स-रे कमरे में लिया गया। इससे पूर्व उसके पुत्र को एक घंटे बाद पर्ची में डिजिटल एक्स-रेे लिखवाने के लिए चिकित्सक के पास भेज दिया।
जिम्मेदारी लेने को नहीं तैयार सीनियर सोमवार सुबह 11 बजे एक्स-रे कक्ष प्रशिक्षार्थी छात्र-छात्राओं के भरोसे ही रहा। जब भी जिम्मेदार रेडियोग्राफर की बात की गई तो हर कोई पल्ला झाड़ता नजर आया। बाद में एक महिला सीनियर रेडियोग्राफर ने गंभीर रोगियों का एक्स-रे जल्द करने के निर्देश दिए।
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एप्रिन न कोई ड्रेस कोड रेडियोग्राफी विभाग में प्रशिक्षार्थी न तो एप्रिन पहने हुए थे न कोई ड्रेस कोड था। सामान्य वेश, टी-शर्ट आदि पहन कर एक्स-रे करने वालों एवं परिजन में भी कोई अंतर नहीं नहीं कर पा रहा है।
जेवरात उतरवा चुके हैं ठग गत शनिवार को एक्स-रे कक्ष में कथित ठगों की ओर से एक्स-रे करवाने पहुंची एक महिला के सोने की चेन, टॉप्स, सहित अन्य गहने उतरवा लिए गए। सोमवार को भी एक्स-रेकक्ष में यह स्थिति है कि कौन तो स्टाफ है, कौन परिजन है या कथित ठग। एक्स-रेकक्ष में अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए स्टाफ का ड्रेस को अनिवार्य है।
-डिजिटल एक्स-रे की नहीं फिल्म स्टाफ के अनुसार अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे की फिल्मों की कमी के चलते डिजिटल एक्स-रे बहुत कम हो रहे हैं। सामान्य एक्सरे की जांच रिपोर्ट रिपोर्ट निकालने व धुलाई में बहुत ज्यादा समय लगने से कतार लग गई है। पिछले आठ-दिन से डिजिटल फिल्मों का टोटा चल रहा है।