scriptजो कठिन परिस्थितियों में सच्चाई का साथ नहीं छोड़े , उस पर ईश्वर की कृपा अवश्य बरसती है | Bhagwat Katha | Patrika News
कोटा

जो कठिन परिस्थितियों में सच्चाई का साथ नहीं छोड़े , उस पर ईश्वर की कृपा अवश्य बरसती है

भगवान श्रीकृष्ण को जो अपना मित्र बना लेता है, उसका जीवन सुखमय हो जाता है। कथा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

कोटाJan 20, 2018 / 02:43 pm

shailendra tiwari

Bhagwath Katha
कोटा .

श्रीनाथपुरम बी स्थित रामजानकी मंदिर में आयोजित भागवत कथा शुक्रवार को सम्पन्न हो गई। कथावाचक संत रामदास ने कृष्ण-सुदामा मिलन का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि गरीब होना कोई पाप नहीं है, लेकिन जो विकट परिस्थितियों में स”ााई का साथ नहीं छोड़े, उस पर ईश्वर की कृपा अवश्य बरसती है। सुदामा भूखे-प्यासे रहे, परेशानियां सही, लेकिन वे ईश्वर को कभी नहीं भूले। भगवान कृष्ण ने भी अपने मित्र सुदामा को गले लगाया। रामदास ने कहा कि मित्र बनाना है तो भगवान श्रीकृष्ण को बनाओ।
यह भी पढ़ें

जागरूकता फैलाने के लिए लगाई दौड़ कहा जन जाग्रति के बिना संभव नहीं स्वच्छता

संसार के सभी मित्र, रिश्ते परेशानियों में साथ छोड़ सकते हैं, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण को जो अपना मित्र बना लेता है, उसका जीवन सुखमय हो जाता है। कथा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। अध्यक्ष हनुमानसिंह राजावत ने बताया कि शनिवार को पांच बेटियों का नि:शुल्क विवाह किया जाएगा। आयोजनों के तहत दोपहर 12 बजे से कार्यक्रम शुरू होंगे। दूल्हा-दुल्हनों की निकासी निकाली जाएगी व दोपहर 2 बजे बाद श्रेष्ठ मुहूर्त में पाणिग्रहण संस्कार
किया जाएगा।
यह भी पढ़ें

यात्रियों को अब एक और दिन मिलेगी राजधानी की सौगात



कलश यात्रा निकाली, भागवत शुरू
शिवपुरा स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ भागवत कथा शुरू हुई। कलश यात्रा गोदावरी धाम से बैंड बाजों के साथ रवाना हुई।बैंड बाजे और भजनोंं की रसधार के बीच कलश यात्रा में कई श्रद्धालुओं ने मार्ग में खूब नृत्य किया। गोदावरी धाम से रवाना होकर शोभायात्रा प्रमुख मार्गों से होते हुए कथा आयोजन स्थल लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंची। यहां कथावाचक राहुल पाराशर ने कथा का महात्म्य सुनाया।
यह भी पढ़ें

कोटा में हो रही बाइक चोरी और रेलवे सम्पत्ति की चोरियों का हुआ पर्दाफाश



पाराशर ने कहा कि जब भी कथा का श्रवण करें, एकाग्र होकर करें। इधर-उधर मन भटकता रहे और कथा का श्रवण करें तो इससे कोई फायदा नहीं है। श्रोता का मन गोविंद के चरणों में होना चाहिए। कथा में इस तरह से बैंठे कि शरीर को कोई कष्ट न हो, ताकि कथा श्रवण में मन लग सके। आयोजन मंडल के सदस्यों के अनुसार कथा के समापन तक प्रतिदिन दोपहर एक बजे से शाम को 5 बजे तक कथा चलेगी।
यह भी पढ़ें

भामाशाह मंडी में उग्र होकर गेट पर चट्टान बन खडे हुए किसान, जानिए क्या था मामला


मोबाइल मानसिक विनाश कर रहा
मानपुरा स्थित हनुमान मंदिर पसिर में चल रही भागवत कथा में शुक्रवार को व्यास मोहनलाल शास्त्री ने श्रीकृष्ण की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। कथा के दौरान व्यास ने मोबाइल से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए कहा, इससे ब’चों की स्मरण शक्ति कमजोर हो रही है। मोबाइल मानसिक विनाश कर रहा है। उन्होंने कहा, कथा को कभी भी फल प्राप्ति के लिए ही नहीं सुनना चाहिए, फल तो मिलेगा ही, कथा का श्रवण इसलिए करना चाहिए ताकि चित्त में प्रभु के अलावा कोई ओर ना हो।

Home / Kota / जो कठिन परिस्थितियों में सच्चाई का साथ नहीं छोड़े , उस पर ईश्वर की कृपा अवश्य बरसती है

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो