नगर निगम और छात्रसंघ चुनाव अभी बहुत दूर हैं, लेकिन कोरोना लॉकडाउन ने युवाओं-छात्राओं को आम लोगों तक पहुंचने का जरिया भी बना दिया है। छात्र संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शहर के अंदरूनी और बाहरी इलाकों में गरीबों-जरूरतमंदों की सेवा में जुटे हैं। खाने के पैकेट, सूखी खाद्य सामग्री पहुंचाने के साथ-साथ ऑन कॉल मदद कर रहे हैं।
कोरोना लॉकडाउन के चलते अजमेर में भी दुकानें, होटल, मॉल, शिक्षण संस्थान, परिवहन संसाधन बंद हैं। शहरवासियों की मदद के लिए एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं और इनसे जुड़े छात्र-युवा कई दिनों से सक्रिय हैं।
कोरोना लॉकडाउन के चलते अजमेर में भी दुकानें, होटल, मॉल, शिक्षण संस्थान, परिवहन संसाधन बंद हैं। शहरवासियों की मदद के लिए एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं और इनसे जुड़े छात्र-युवा कई दिनों से सक्रिय हैं।
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24 घंटे चल रही हेल्पलाइनअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। महानगर मंत्री आसूराम डूकिया, बाबूलाल गुर्जर, विशाल सिंह रावत, रविंद्र सांखला, उदयसिंह शेखावत और अन्य छात्रों ने कामकाज संभाल रखी है। छात्र वैशाली नगर-पंचशील, शास्त्री नगर-रामगंज, फायसागर रोड-नागफणी और अन्य इलाकों में जरूरतमंदों और गरीबों को रोजाना अपनी तरफ से फूड पैकेट पहुंचा रहे हैं। छात्रों ने आपस में पॉकेट मनी एकत्रित करने के अलावा घरों से भी मदद ली है। हेल्प लाइन पर किसी का फोन आते ही संबंधित क्षेत्र में सक्रिय छात्रों को जानकारी देकर मदद पहुंचाई जा रही है।
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प्रत्येक कार्यकर्ता को 20 पैकेट का लक्ष्य
एनएसयूआई ने प्रत्येक कार्यकर्ता को 20 पैकेट भोजन पहुंचाने का लक्ष्य दिया है। जिलाध्यक्ष नवीन सोनी, जिला उपाध्यक्ष दिनेश चौधरी, मुकेश घासल, हेमंत मेघवाल और अन्य छात्र मुख्य चौराहों-कच्ची बस्तियों और मोहल्लों में जाकर फूड पैकेट बांट रहे हैं। सूखी खाद्य सामग्री भी वितरित की जा रही है। एनएसयूआई के हेल्पलाइन नंबर पर एक छात्र की रोजाना ड्यूटी लगाई जा रही है।
प्रत्येक कार्यकर्ता को 20 पैकेट का लक्ष्य
एनएसयूआई ने प्रत्येक कार्यकर्ता को 20 पैकेट भोजन पहुंचाने का लक्ष्य दिया है। जिलाध्यक्ष नवीन सोनी, जिला उपाध्यक्ष दिनेश चौधरी, मुकेश घासल, हेमंत मेघवाल और अन्य छात्र मुख्य चौराहों-कच्ची बस्तियों और मोहल्लों में जाकर फूड पैकेट बांट रहे हैं। सूखी खाद्य सामग्री भी वितरित की जा रही है। एनएसयूआई के हेल्पलाइन नंबर पर एक छात्र की रोजाना ड्यूटी लगाई जा रही है।
Read More: छात्रसंघ और निगम चुनाव पर नजरें..
छात्रसंघ पदाधिकारियों और छात्रों की नजरें अगस्त में प्रस्तावित छात्रसंघ चुनाव और नगर निगम चुनाव पर टिकी हैं। दोनेां ही चुनाव युवाओं के लिए अहम हैं। नगर निगम में इस बार 80 वार्ड में चुनाव होंगे। जबकि शहर के चार सरकारी, दो निजी कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की धूम रहेगी। चुनाव लडऩे के इच्छुक युवाओं के लिए लॉकडाउन सशक्त दावेदारी का माध्यम बनेगा।
छात्रसंघ पदाधिकारियों और छात्रों की नजरें अगस्त में प्रस्तावित छात्रसंघ चुनाव और नगर निगम चुनाव पर टिकी हैं। दोनेां ही चुनाव युवाओं के लिए अहम हैं। नगर निगम में इस बार 80 वार्ड में चुनाव होंगे। जबकि शहर के चार सरकारी, दो निजी कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव की धूम रहेगी। चुनाव लडऩे के इच्छुक युवाओं के लिए लॉकडाउन सशक्त दावेदारी का माध्यम बनेगा।
लॉकडाउन में आम लोगों की सहायता पहला मकसद है। पदाधिकारी और छात्र अपने-अपने तरीके से कामकाज में जुटे हैं।
नवीन सोनी, एनएसूआई जिलाध्यक्ष
पूरे देश में लॉकडाउन के कारण कई जरूरतमंद और गरीब परेशान हैं। इनकी सेवा के लिए हम दिन-रात तत्पर हैं। चुनाव लडऩे वाले इसे कैसे लेते हैं यह उन पर निर्भर है।
सोहन शर्मा, विभाग संगठन मंत्री एबीवीपी