टेंडर ही फाइनल नहीं सरकार ने अजमेर का ड्राफ्ट मास्टर प्लान रिवाइज करने के लिए तीन सदस्यों की कमेटी गठित की है। इसमें एडिशनल चीफ टाउन प्लानर जयपुर, एसटीपी अजमेर तथा एडीए के निदेशक आयोजना शामिल हैं। यह कमेटी अब तक आई आपत्तियों का निस्तारण कर ड्राफ्ट मास्टर प्लान तैयार करेगी। ड्राफ्ट जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार करने के लिए स्वीकृति जारी हो चुकी है। इसके जरिए जीआईएस ऑपरेटर व अस्थायी अरबन टाउन प्लानर की नियुक्ति की जाएगी। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि ड्राफ्ट जोनल डवलपमेंट प्लान बनाया जाएगा। इस पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। इनका निस्तारण कर ड्राफ्ट मास्टर प्लान तैयार होगा। यह देखा जाएगा कि नए व पुराने ड्राफ्ट मास्टर में क्या अंतर आ रहा है। नया मास्टर भी बॉयलाज के हिसाब से बनाया जाएगा, लेकिन अब तक जोनल डवलपमेंट प्लान तैयार के लिए जयपुर से टेंडर ही जारी नहीं हो सका।
यह है एडीए का दावा
अजमेर मास्टर डवलपमेंट प्लान- 2033 प्रारूप को एडीए ने 13 दिसम्बर 2013 को प्रकाशित कराकर 17 दिसम्बर 2013 से 20 जनवरी 2014 तक आम जनता से आपत्ति/सुझाव मांगे थे। इस अवधि में 151 तथा नियत अवधि के बाद 22 आपत्तियां/सुझाव आए। मास्टर प्लान 2033 प्रारूप में पुन: एक माह की अवधि के लिए 13 मार्च 2018 से 12 अप्रेल 2018 तक आपत्ति/सुझाव आमंत्रित किए गए। इसमें कुल 150 आपत्तियां सुझाव आए। इस तरह 301 आपत्ति/सुझाव प्राप्त हुए। मास्टर प्लान डवलपमेंट प्लान 2033 प्रारूप में प्राप्त आपत्ति/सुझाव पर अंतिम निर्णय लेकर मास्टर प्लान 2033 प्रारूप को अंतिम रूप दिए जाने की कार्यवाही किया जाना प्रक्रियाधीन है।
अजमेर मास्टर डवलपमेंट प्लान- 2033 प्रारूप को एडीए ने 13 दिसम्बर 2013 को प्रकाशित कराकर 17 दिसम्बर 2013 से 20 जनवरी 2014 तक आम जनता से आपत्ति/सुझाव मांगे थे। इस अवधि में 151 तथा नियत अवधि के बाद 22 आपत्तियां/सुझाव आए। मास्टर प्लान 2033 प्रारूप में पुन: एक माह की अवधि के लिए 13 मार्च 2018 से 12 अप्रेल 2018 तक आपत्ति/सुझाव आमंत्रित किए गए। इसमें कुल 150 आपत्तियां सुझाव आए। इस तरह 301 आपत्ति/सुझाव प्राप्त हुए। मास्टर प्लान डवलपमेंट प्लान 2033 प्रारूप में प्राप्त आपत्ति/सुझाव पर अंतिम निर्णय लेकर मास्टर प्लान 2033 प्रारूप को अंतिम रूप दिए जाने की कार्यवाही किया जाना प्रक्रियाधीन है।
मास्टर प्लान-2033 को अंतिम रूप देने के निर्देश
अजमेर के प्रारूप मास्टर प्लान-2033 को अंतिम रूप दिए जाने के लिए नगर नियोजकविभाग ने एडीए को निर्देश दिए हैं। लापरवाही का आलम यह है कि 19 फरवरी 2020 को हुई समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों तथा वांछित कार्य और रिकॉर्ड भी नहीं भेजा जा सका। इससे अजमेर प्रारूप मास्टर प्लान 2033 को अंतिम रूप दिए जाने की कार्यवाही अटक गई है। नगर नियोजक विभाग ने निर्देश दिए हैं कि समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुए आपत्तियों/सुझावों की प्रति, अन्य रिकॉर्ड के साथ मुख्य नगर नियोजक कार्यालय में प्राधिकरण के निदेशक आयोजना तथा उप नगर नियोजक को भेजा जाए। मास्टर प्लान पर आई आपत्ति/सुझाव का रिकॉर्ड भी उपलब्ध करवाएं,जिससे सक्षम स्तर पर निर्णय कराते हुए सरकार को भेजा जाए जिससे आपित्त/सुझावों को अंतिम रूप दिया जा सके।
अजमेर के प्रारूप मास्टर प्लान-2033 को अंतिम रूप दिए जाने के लिए नगर नियोजकविभाग ने एडीए को निर्देश दिए हैं। लापरवाही का आलम यह है कि 19 फरवरी 2020 को हुई समीक्षा बैठक में दिए गए निर्देशों तथा वांछित कार्य और रिकॉर्ड भी नहीं भेजा जा सका। इससे अजमेर प्रारूप मास्टर प्लान 2033 को अंतिम रूप दिए जाने की कार्यवाही अटक गई है। नगर नियोजक विभाग ने निर्देश दिए हैं कि समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुए आपत्तियों/सुझावों की प्रति, अन्य रिकॉर्ड के साथ मुख्य नगर नियोजक कार्यालय में प्राधिकरण के निदेशक आयोजना तथा उप नगर नियोजक को भेजा जाए। मास्टर प्लान पर आई आपत्ति/सुझाव का रिकॉर्ड भी उपलब्ध करवाएं,जिससे सक्षम स्तर पर निर्णय कराते हुए सरकार को भेजा जाए जिससे आपित्त/सुझावों को अंतिम रूप दिया जा सके।
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