पीडि़ता ने 27 अगस्त 2016 को जवाजा थाने में दर्ज करवाई रिपोर्ट में पीडि़ता ने अभियुक्तों को मोटरसाइकिल पर बैठाकर जबरन ले जाने उसे पानी में कुछ पदार्थ मिलाकर पिलाने का आरोप लगाया। आरोपित पीडि़ता को कांकरोली ले गए, जहां कमरे में बंद कर तीन दिन उसके साथ दुराचार किया। पीडि़ता को आरोपितों ने धमकी भी दी कि घटना की बात परिवार में किसी को बताई तो तेजाब डाल कर चेहरा जला देंगे।
न्यायाधीश ब़ृज माधुरी शर्मा ने फैसले में टिप्पणी करते हुए लिखा कि आरोपित ने 15 वर्षीय बालिका को जबरन उठा कर ले गए और उसे तीन दिन बंधक बना कर रखा व दुराचार किया। पीडि़ता के पिता को धमकी दी कि कोई कार्रवाई की तो पीडि़ता पर तेजाब डाल कर जला देंगे। अभियुक्तों का यह कृत्य मानवता को शर्मसार करने वाला है। दंडित नहीं किया गया तो समाज में बच्चियों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो जाएगा। अपराध की सजा नहीं दी गई तो अकेली बच्चियों का बाहर निकलना दूभर हो जाएगा।
अभियुक्त त्रिलोक को धारा 343 में दो वर्ष, 10 हजार रुपए, धारा 366 के तहत सात वर्ष 10 हजार रुपए, धारा 376 दो एन के तहत उम्रकैद व 50 हजार रुपए, पोक्सो कानून के तहत उम्रकैद व 50 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया। इसी प्रकार अभियुक्त मोहन सिंह को धरा 363 के तहत 3 वर्ष के कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना कुल जुर्माना 1.30 लाख रुपए से दंडित किया।