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अजमेर

Decision: 50 रुपए का हुआ प्लेटफार्म टिकट, अब स्टेशन जाना महंगा

अजमेर मंडल ने स्टेशनों पर भीड़ भाड़ को कम करने तथा कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से प्लेटफॉर्म टिकट की राशि बढ़ाई है।

अजमेरApr 17, 2021 / 09:02 am

raktim tiwari

railway platform ticket

railway platform ticket

अजमेर.

स्टेशन पर भीड़ कम करने और कोरोना संक्रमण से बचाव के तहत अजमेर मंडल के 4 स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकट के मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। इन स्टेशन पर अब प्लेटफार्म टिकट के 50 रुपए देने होंगे। पूर्व में दर 10 रुपए थी।
अजमेर मंडल ने स्टेशनों पर भीड़ भाड़ को कम करने तथा कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से प्लेटफॉर्म टिकट की राशि बढ़ाई है। इनमें अजमेर, उदयपुर, आबू रोड और भीलवाड़ा स्टेशन शामिल हैं। चारों स्टेशन पर शनिवार से ही प्लेटफार्म टिकट के 50 रुपए देने होंगे। पहले इन स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट का मूल्य 10 रुपए था।
लॉकर चार साल से बंद, खातों में मिले 16.95 लाख

अजमेर. जमीन संबंधित विवादों में फैसले के बदले घूस लेने वाले राजस्व मंडल के दो सदस्यों सहित दलाल शशिकांत जोशी के खिलाफ एसीबी जांच जारी है। एसीबी ने दलाल (वकील) के चार बैंक खातों और लॉकर को खुलवाया। दलाल और उसके परिजनों के खातों में 16 लाख 95 हजार रुपए मिले। दलाल के अलग-अलग बैंक में पांच खाते और मिले हैं। इन्हें भी एसीबी ने फ्रीज करा दिया है।
राजस्व मंडल के निलंबित सदस्य सुनील शर्मा और बी.एल.मेहरडा सहित दलाल शशिकांत जोशी के खिलाफ राजस्व मामलों से जुड़े फैसलों और राजस्व बैंच बनाने को लेकर फिक्सिंग की शिकायत मिली थी। तीनों को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
बैंक पहुंची एसीबी टीम
एसीबी दलाल जोशी के परिजनों-रिश्तेदारों का इंतजार कर रही थी। उसके परिजन अजमेर पहुंचे। उप अधीक्षक पारसमल और अन्य कचहरी रोड स्थित एक्सिस बैंक पहुंची। यहां बैंक खातों के स्टेटमेंट लिए गए। जोशी और उसके परिजनों के चारों खातों में 16 लाख 95 हजार रुपए जमा मिले। यह राशि सबके खातों में अलग-अलग जमा है। सबसे ज्यादा राशि जोशी के खाते में जमा मिली है। पत्नी और अन्य परिजनों के खाते में 1 से 2 लाख रुपए मिले हैं। एक्सिस बैंक में आरोपी का पांचवां खाता नहीं खोला गया है।
चार साल से नहीं खोला लॉकर!
दलाल का इसी बैंक में ज्वॉइंट लॉकर भी है। एसीबी ने लॉकर ऑपरेट करने को लेकर बैंक से जानकारी मांगी। साथ ही बैंक का लॉकर ऑपरेटिव रजिस्टर और कंप्यूटर खंगाला। इसमें सामने आया कि दलाल जोशी ने साल 2016 में बैंक में लॉकर खुलवाया था। लेकिन उसने या परिवार के किसी सदस्य ने चार साल से लॉकर को ऑपरेट नहीं किया है। लॉकर में कोई सामग्री भी नहीं मिली है। एसीबी का मानना है, कि आरोपी दलाल ने लॉकर सोने-चांदी के आभूषण और नकदी रखने के लिए लिया है। वह जरूरत पडऩे पर ही उसका उपयोग करने वाला था। दलाल के आवास स्थित चैम्बर पहले ही सीज किया जा चुका है।

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