एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि राजस्व मंडल घूसकांड में गिरफ्तार दलाल और सदस्यों पर कई महीनों से नजर रखी गई थी। वे राजस्व मामलों के फैसलों में स्टे और आदेश के अलग-अलग पैसा लिया करते थे। उन्होंने कितने मामलों में फैसले और लेन-देन किया है, इसकी जांच जारी है।
मंडल अध्यक्ष और अन्य सदस्यों और सरकारी वकील की संलिप्तता के मामले में एडीजी ने कहा कि केवल मोबाइल रिकॉर्डर और चैटिंग में नाम लेने से किसी को आरोपी नहीं बनाया जा सकता है। एसीबी पूछताछ और साक्ष्यों के आधार पर ही कोई कदम उठाएगी। एसीबी ने राज स्व मंडल अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों के चैंबर की तलाशी ली है। इस मामले में जिसने भी गलत किया है, अथवा लेन-देन में भूमिका है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
एडीजी ने कहा कि घूसकांड की जांच के लिए एडिशनल एसपी इंटेलीजेंस सी.पी.शर्मा के नेतृत्व में जयपुर के तीन और अजमेर के दो अफसरों की टीम बनाई गई है। यह टीम दलाल शशिकांत, सदस्य सुनील शर्मा और बी.एल. मेहरडा के चैम्बर और अजमेर स्थित आवासों की छानबीन करेगी। इनमें मिलने वाले साक्ष्यों को एफआईआर में दर्ज किया जाएगा।
एडीजी दिनेश सहित अजमेर एसपी समीर कुमार सिंह ने एसीबी का टोल फ्री कंट्रोल नंबर 1064 का पोस्टर जारी किया। एडीजी ने कहा कि 1064 नंबर बिल्कुल पुलिस के 100 नंबर की तरह काम करेगा। इस पर एडिशनल एसपी की तैनाती की गई है। राज्य में कोई भी व्यक्ति हैल्पलाइन पर फोन कर भ्रष्टाचार मामलों की शिकायत कर सकता है। गम्भीर मामलों पर डीजी, एडीजी और उच्चाधिकारियों से बातचीत होगी। जबकि अन्य मामलों में संबंधित संभाग-जिलों के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा जाएगा। इसके अलावा ट्रेप मामलों में परिवादी से ली गई राशि भी तत्काल लौटाई जाएगी।