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अजमेर

मत घबराएं जीका वायरस से, स्प्रे का करें यूज और तुरन्त जाएं डॉक्टर के पास

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अजमेरOct 12, 2018 / 04:24 am

raktim tiwari

municipal corporation will start campaign for zika Virus and Dengue

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अजमेर.

जीका रोग से प्रदेशभर में भय बढ़ता जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जीका से बचाव एवं उपाय के बारे में आमजन को भी जागरूक किया जा रहा है। जीका बीमारी से जनहानि हो सकते ही लेकिन समय रहते बचाव एवं ऐहतियात बरती जाए तो न केवल स्वयं बल्कि समाज के अन्य लोगों को भी इसकी चपेट में आने से बचा सकेंगे।
अजमेर जिले में हालांकि जीका बीमारी का फिलहाल एक भी केस सामने नहीं आया है। मगर सावधानी बरतने की पीछे प्रमुख वजह यह है कि अजमेर पर्यटन एवं धार्मिक नगरी होने से कोई भी पीडि़त रोगी के सम्पर्क में आने पर इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. सोनी ने बताया कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सा प्रभारियों को इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं। जीका बीमारी के लक्षण पाए जाने वाले रोगी का त्वरित इलाज किया जाकर इसकी रिपोर्टिंग मुख्यालय की की जानी है। इसको लेकर हिदायत दे दी गई है।
क्या है जीका रोग!
जीका का वायरस मच्छर के काटने से फैलता है जो वयस्कों में लकवा या अक्षमताएं पैदा कर सकता है, गर्भ में पल रहे शिशु के दिमागी विकास में बाधा बन सकता है। जीका के लक्षणजीका के लक्षण मच्छर के काटने के 2 से 7 दिन के बाद दिखाई देते हैं।
जीका की चपेट में आने से आंख आना, बुखार आना, शरीर पर दाने हो जाने, बदन दर्द एवं जोड़ों का दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे फैलता है जीका एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को खून, थूक, दूध, मूत्र आदि के माध्यम से जीका फैलता है। जीका पीडि़त मां के गर्भ में पल रहे शिशु को भी जीका की आशंका रहती है। जीका पीडि़त से यौन संबंध बनाए जाने पर भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
ऐसे करें बचावमच्छरों को काटने न दें, पूरी आस्तीन के कपड़ें पहनें, मच्छरदानी और अन्य मच्छर नाशक दवाई का प्रयोग करें। जीका के लक्षणों को पहचानें, बुखार आने पर स्वास्थ्य केन्द्र में दिकाएं। जीका प्रभावित क्षेत्र में जाने से बचें। मच्छरों को पैदा नहीं होने दें, अपने आसपास पानी इक_ा नहीं होने दें। बाल्टियों एवं खाली बर्तनों में पानी भरा नहीं होने दें।
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