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Fees Issue:फीस देना नहीं है आसान, अजमेर में बोले ये स्कूल…

14 अप्रेल के लॉकडाउन के बाद करेंगे विचार।

अजमेरApr 08, 2020 / 08:49 am

raktim tiwari

private school fees during lockdown jabalpur high court judgment

private school fees during lockdown jabalpur high court judgment

अजमेर. राज्य में फीस वसूली को लेकर कई निजी स्कूल अभिभावकों पर दबाव बनाए हुए है। ई-मेल, मोबाइलऔर फोन पर फीस जमा कराने को कहा गया है। अजमेर के प्रमुख निजी स्कूल ने फिलहाल परिजनों पर बोझनहीं डाला है। स्कूल 14 अप्रेल के बाद ही कोई फैसला लेंगे।
राज्य में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा सहित कई शहरों में निजी स्कूल ने अभिभावकों पर विद्यार्थियों की फीसजमा कराने का दबाव बनाया है। बाकायदा ई-मेल भेजने के अलावा मोबाइल पर फोन किए जा रहे हैं। फीस जमा कराने के पीछे शिक्षकों और स्टाफ के वेतन का हवाला दिया गया है।
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सीबीएसई और आरबीएसई से सम्बद्ध
अजमेर में भी निजी स्कूल संचालित हैं। इनमें मिशनरी, पब्लिक और प्ले स्कूल शामिल हैं। इनकी संख्या करीब 60 से 75 के बीच है। इनमें कई स्कूल सीबीएसई तो कई राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध हैं। राज्य सरकार अथवा दोनों बोर्ड ने भी फीस को लेकर कोई अधिकृत आदेश जारी नहीं किए हैं।
पहले ही एडवांस फीस ले चुके स्कूल
अजमेर के कई निजी स्कूल तीन-तीन और कई छह-छह महीने की फीस एकमुश्त लेते हैं। सत्र 2019-20 में जून तक पूरी फीस ले चुके हैं। यह प्रक्रिया जनवरी-फरवरी और मार्च के शुरुआत तक हो गई है। कुछ स्कूल दो-दो महीने की फीस लेते हैं। सत्र 2020-21 शुरु हुआ है, लेकिन स्कूल बंद हैं।
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शहर के किसी मिशनरी स्कूल ने फिलहाल फीस लेने पर कोई निर्णय नहीं लिया है। केंद्र और राज्य सरकार के आदेशों की पालना करेंगे।
फादर सुसई मणिक्कम, प्राचार्य सेंट एन्सलम्स स्कूल
पूरा देश लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण की स्थिति जूझ रहा है। अभिभावकों की स्थिति हम जानते हैं। फीस को लेकर कोई जोर नहीं दिया है।

कर्नल ए. के. त्यागी, प्राचार्य संस्कृति द स्कूल
पहले स्थिति सामान्य हो और शिक्षण संस्थाएं खुलें यह जरूरी है। फीस को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है।
पियूष कुमार, निदेशक ऑल सेंट्स स्कूल

कोरोना से कैंपस प्लेसमेंट पर असर, युवाओं के लिए बढ़ेगी चुनौती
रक्तिम तिवारी/अजमेर. शोभित, हार्दिका और काव्या जैसे हजारों विद्यार्थी आईआईटी सहित कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। इनके बी.टेक, एम.टेक, मैनेजमेंट और नियमित डिग्री कोर्स का अंतिम वर्ष है। कुछ तो कैंपस प्लेसमेंट में चयनित हो चुके हैं, जबकि कई को नौकरियों का इंतजार है। कोरोना लॉकडाउन ऐसे सैकड़ों विद्यार्थियों को झटका देने को तैयार है। आगामी महीनों में इसका व्यापक असर देखने को मिल सकता है।
आईआईएम, एनआईटी सहित देश के केंद्रीय/राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, प्रबंधन और तकनीकी संस्थानों में लाखों विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। देश-विदेश की प्रतिष्ठित कम्पनियां कैंपस प्लेसमेंट में इन विद्यार्थियों का चयन करती हैं। इनमें बी.टेक, एमटेक, मैनेजमेंट, नियमित डिग्री कोर्स के अंतिम वर्ष में पढऩे वाले विद्यार्थी ज्यादा होते हैं। परीक्षा परीक्षा निकलते ही यह कम्पनियों में पदभार संभालते हैं।
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