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अजमेर

यह कैसी शिक्षा नीति, नवीं की वर्कबुक पर इंग्लैंड का झंडा

फरवरी माह में हुआ वर्कबुक का वितरण, शिक्षा विभाग आज भी थोप रहा गुलामी की मानसिकता

अजमेरMar 08, 2024 / 10:08 pm

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यह कैसी शिक्षा नीति, नवीं की वर्कबुक पर इंग्लैंड का झंडा

यह कैसी शिक्षा नीति, नवीं की वर्कबुक पर इंग्लैंड का झंडा

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. सरकार जहां नई शिक्षा नीति को लागू करने का दावा कर रही है और मातृभाषा में शिक्षण के साथ राष्ट्रवाद एवं महापुरुषों की जीवनी के माध्यम से बच्चों को तैयार करने की मंशा जताई जा रही है, वहीं हालात यह हैं कि अभी भी गुलामी के प्रतीक इंग्लैंड के झंडे प्रकाशित वर्कबुक के माध्यम से बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाई जा रही है।
राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उदयपुर की ओर से छपवाई गई कक्षा नवीं की वर्कबुक के मुखपृष्ठ पर इंग्लैंड के झंडे को प्राथमिकता से छापा गया है। एक ही पेज पर इंग्लैंड के तीन झंडे छापे गए हैं, जबकि भारत के झंडे को इस पर स्थान नहीं मिला।
सत्र के अंत में वर्कबुक के वितरण से भी नहीं फायदा
कक्षा नवीं के लिए अंग्रेजी, विज्ञान व गणित की वर्कबुक जारी की गई है। यह वर्तमान में चल रहे सत्र के लिए है। मगर फरवरी माह में वर्कबुक के वितरण का विद्यार्थियों को भी फायदा नहीं मिला है। कुछ जगह तो अभी तक इसका वितरण भी नहीं हुआ है।
प्रदेश में करीब 5 लाख वर्कबुक (पुस्तक) वितरण

एक शिक्षाविद् के अनुसार प्रदेशभर में नवीं कक्षा में करीब 5 लाख बच्चों का नामांकन है। इतनी बड़ी संख्या में वर्कबुक का फायदा नहीं मिल रहा है। ऐसे में ना केवल धन का अपव्यय हो रहा है, बल्कि विद्यार्थियों को भी मंशा के अनुरूप लाभ नहीं मिल रहा है।
बच्चों को यह नुकसान
– जुलाई में वितरण नहीं होने से वर्कबुक में काम नहीं हुआ।
– बच्चों को व्याकरण सहित अन्य ज्ञान नहीं हो पाया।

– वर्कबुक में अभ्यास नहीं होने से परीक्षा परिणाम भी प्रभावित होगा।
दूसरे पृष्ठ पर शिक्षामंत्री दिलावर व अधिकारियों के भी नाम
वर्कबुक के दूसरे पृष्ठ पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, प्रिंसीपल सैकेट्री नवीन जैन, शिक्षा निदेशक आशीष मोदी आदि के नाम भी प्रकाशित किए हैं। संभवत: आनन-फानन में इस पृष्ठ को अंतिम समय पर बदला गया है।
इनका कहना है…
अभी वर्कबुक देखी नहीं है। यह राजस्थान पाठ्यपु्स्तक मंडल की ओर से वितरित की जा रही है। वर्कबुक देखकर ही उच्चाधिकारियों को संज्ञान में लाया जाएगा।
– ओमशंकर वर्मा, कार्यवाहक संयुक्त निदेशक, शिक्षा विभाग, अजमेर
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