अजमेर वन मंडल के किशनगढ़ में गूंदोलाव झील, ब्यावर में सेलीबेरी, माना घाटी, पुष्कर में गौमुख पहाड़, बैजनाथ मंदिर, नसीराबाद में सिंगावल माताजी का स्थान, सरवाड़ में अरवड़, अरनिया-जालिया के बीच, नारायणसिंह का कुआं, सावर-कोटा मार्ग सहित 84 वाटर हॉल पर वन्य जीवों की गणना हुई। कार्मिकों को खरगोश, नेवले, मोर, अजगर, जलमुर्गी, बिज्जू और अन्य जीव नजर आए। अजमेर में अजयपाल बाबा मंदिर, गौरी कुंड, चौरसियावास तालाब, आनासागर, फायसागर, चश्मा ए नूर, नरवर और अन्य स्थानों पर पैंथर दिखाई नहीं दिया।
पुष्कर-ब्यावर क्षेत्र पर नजर
अजमेर मंडल के पुष्कर, ब्यावर, मसूदा और जवाजा क्षेत्र पर विभाग की विशेष नजरें हैं। पहाड़ी इलाका और पेड़-पौधों के कारण इन इलाकों में अक्सर पैंथर, सियार, लोमड़ी, अजगर और अन्य वन्य जीव दिखाई देते रहे हैं। इन इलाकों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पैंथर (बघेरा)कई बार दिख चुका है। इसके बावजूद विभाग को पिछले गणना में भी पैंथर नहीं दिखा था। जबकि ग्रामीण कई बार पैंथर दिखने का दावा कर चुके हैं।
अजमेर मंडल के पुष्कर, ब्यावर, मसूदा और जवाजा क्षेत्र पर विभाग की विशेष नजरें हैं। पहाड़ी इलाका और पेड़-पौधों के कारण इन इलाकों में अक्सर पैंथर, सियार, लोमड़ी, अजगर और अन्य वन्य जीव दिखाई देते रहे हैं। इन इलाकों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पैंथर (बघेरा)कई बार दिख चुका है। इसके बावजूद विभाग को पिछले गणना में भी पैंथर नहीं दिखा था। जबकि ग्रामीण कई बार पैंथर दिखने का दावा कर चुके हैं।
कर्मचारी जुटे रिपोर्ट बनाने में विभिन्न इलाकों में गए कर्मचारियों का लौटना शुरू हो गया है। कर्मचारी रिपोर्ट बनाने में जुटे हैं। वन्य जीवों की सूचनाओं का संकलन कर रिपोर्ट तैयार होगी। बाद में इसे वन मुख्यालय जयपुर भेजा जाएगा।