थानाप्रभारी सुनिता गुर्जर ने बताया कि दो दिन पहले 22 नवम्बर को लोको वर्कशॉप एसबीआई शाखा प्रबंधक रामवरन सिंह की ओर से मिली शिकायत पर एटीएम से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अनुसंधान शुरू किया। अनुसंधान में सामने आया कि मेवात क्षेत्र क 15-20 शातिरों की गैंग आकर वारदात करने के बाद लौट जाती है। मंगलवार को मुखबिर से गिरोह के शहर में आने की सूचना मिली। सूचना पर वृत्ताधिकारी मुकेश सोनी के नेतृत्व में प्रशिक्षु आरपीएस मनीष शर्मा के साथ पुलिस टीम ने वारदात की फिराक में घूम रहे संदिग्धों को दबोच थाने लाकर पूछताछ की।
एक दर्जन एटीएम कार्ड बरामद, कार-स्कूटी जब्त पड़ताल में आरोपियों ने अजमेर शहर में एटीएम मशीन में तोडफ़ोड़ कर रकम निकासी करना कबूल कर लिया। पुलिस ने आरोपियों से एक स्विफ्ट कार, स्कूटी, 12 एटीएम कार्ड व 11 हजार रुपए की नकदी बरामद की। आरोपियों ने अजमेर समेत अन्य शहरों व राज्यों में वारदातें अंजाम देना कबूल किया। पुलिस टीम में सिपाही रामनरेश, सुखराम, बृजलाल व जगदीश शामिल थे।
यह हुए गिरफ्तार पुलिस ने हरियाणा मेवात नूह जिले के पुन्हाना नकनपुर निवासी तोफिक मेव पुत्र जहरूद्दीन, लुहिंगा कला के मोहम्मद शकील पुत्र मोहम्मद हनीफ, अजीज पुत्र मोहम्मद यामीन और बिच्छोरा बीसरू निवासी सलमान खान पुत्र खुर्शीद अहमद को गिरफ्तार किया।
तरीका-ए-वारदात
एसएचओ सुनीता गुर्जर ने बताया कि गिरोह समूह में स्वयं का वाहन लेकर आता है। बैंक अवकाश के दिन या बैंक बंद होने के बाद ऐसी एटीएम मशीनों को निशाना बनाता जिस पर सुरक्षा गार्ड नहीं होते। गार्ड विहीन एटीएम पर तो दिन में ही वारदात करते थे। आरोपी एटीएम मशीन पर रुपए निकालते समय रुपए मशीन में ही रोके रखकर अथवा मशीन की पावर केबल/नेटवर्क केबल तोड़कर अथवा बटन ऑफ कर मशीन को आउट ऑफ सर्विस कर रकम निकालने के बाद बैंक में रुपए नहीं निकलने की शिकायत कर पुन: उतनी ही रकम प्राप्त कर बैंक के साथ धोखाधड़ी करते हैं।
गिरोह खबरों की रखता है खबर
गिरोह अपने साथ अलग-अलग एटीएम कार्ड व मोबाइल फोन लेकर आता है तथा कुछ दिन रुककर शहर एवं आसपास के क्षेत्र में वारदात को अंजाम देता है। संबंधित बैंक को शिकायत प्राप्त होने पर बैंक कर्मचारी जब सीसीटीवी फुटेज देखकर पता लगाने की कोशिश करते हैं तब तक ये लोग शहर छोड़ चुके होते हैं। अन्यथा एक व्यक्ति ठहर कर समाचार पत्रों में खबर देखता रहता है कि किस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ, किसमें नहीं। कुछ दिन बाद गिरोह पुन: आकर वारदात को अंजाम देते हुए रकम की निकासी कर मशीन को नुकसान पहुंचाता है।