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अजमेर

Good News: हरियाली से जीतेंगे कोरोना को, यूं तैयार हो रहे पौधे

इस बार जून से सितम्बर के दौरान मानसून कमजोर रहा। जिले में 550 के बजाय 480 मिलीमीटर बरसात हुई है।

अजमेरOct 24, 2020 / 08:56 pm

raktim tiwari

green plants prepration

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अजमेर.

दुनिया में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है। कई देशों में हाल खराब है। इन सबके बीच वन विभाग की महिला कार्मिक जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। अजमेर वन मंडल की नर्सरियों में फल-पुष्प और छायादार पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
वन विभाग जिले में फलदार, छायादार और पुष्पीय पौधे लगाता है। यह कार्य स्वयं सेवी संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, स्काउट-गाइड, सरकारी महकमों, शैक्षिक संस्थाओं के जरिए होता है। इसके लिए अजमेर, ब्यावर, खरवा, पुष्कर और अन्य नर्सरी में पौधे तैयार किए जाते हैं।
बच्चों जैसे हैं पौधे…
घूघरा घाटी स्थित महर्षि दयानंद सरस्वती पौधशाला में नए पौधे तैयार किए जा रहे हैं। यहां विभाग के रेंजर, महिला कर्मचारी इन पौधों का बखूबी देखभाल कर रही हैं। महिला श्रमिक कमला ने बताया कि नए उगाए पौधे बच्चों जैसे हैं। इनकी देखभाल नहीं हुई तो यह दम तोड़ देंगे। छोटे और बड़े पौधों को रोजाना दो-तीन बार पानी देना, खाद और निराई-गुड़ाई करना इनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
यह पौधे हो रहे तैयार
छायादार-करंज, शीशम, अमलताश, नीम, बड़, सेमल, कचरना, गुलमोहर, अशोक, शीशम, गुलरपुष्पीय पौधे-गुलाब, चांदनी, चमेली, गुड़हल, नाग चम्पा, कनेर, बोगनवेलिया, रात रानी, क्रोटन, रेलियाफलदार-अमरूद, जामुन, सीताफल, अनार, इमली, गौंदा, फालसा, पपीता
इस बार नहीं हुई पर्याप्त बरसात
इस बार जून से सितम्बर के दौरान मानसून कमजोर रहा। जिले में 550 के बजाय 480 मिलीमीटर बरसात हुई है। इसी दौरान वन विभाग विभिन्न इलाकों में पौधरोपण कराया पर कम बरसात के चलते लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। इनमें अजमेर सहित किशनगढ़, ब्यावर, केकड़ी, पुष्कर, किशनगढ़, नसीराबाद, सरवाड़, भिनाय और अन्य वन क्षेत्र शामिल है। ऐसे में विभाग शीतकाल में लगाए वाले पुष्पीय और अन्य पौधे तैयार कर रहा है।
कोरोना वायरस स्टडी पढ़ेंगे स्टूडेंट्स, जल्द बनेगी कोर्स का हिस्सा

रक्तिम तिवारी/अजमेर. लाखों लोगों को संक्रमित करने वाला नोवल कोरोना वायरस देश के विश्वविद्यालयों-बोर्ड और स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। एड्स स्वाइन फ्लू और अन्य बीमारियों की तरह इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। विद्यार्थी और शोधार्थी भविष्य में वृहद अध्ययन कर सकेंगे।
चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस से समूची दुनिया संक्रमित है। लाखों लोग जान गंवा चुके हैं। अमरीका, इटली, स्पेन, ईरान, भारत और अन्य देशों में हालात खराब हैं। कोरोना वायरस संक्रमण बचाव का टीका या दवा बनाने और केस स्टडी को लेकर विशेषज्ञ, शिक्षक और शोधार्थी अध्ययन में जुटे हैं। भारत में भी उच्च स्तरीय संस्थानों में कामकाज हो रहा है।

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